महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को बजट पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने दो बातों के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का शुक्रिया अदा किया. हालांकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता शरद पवार पर उन्होंने निशाना साधा और पूछा कि आखिर बाबरी मस्जिद को लेकर वे इतने फिक्रमंद क्यों हैं. देवेंद्र फडणवीस ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया.
महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र सोमवार (24 फरवरी) से शुरू हो रहा है. इससे पहले रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दो बातों के लिए धन्यवाद है. पहला, भीमा कोरेगांव केस एनआईए को सौंपे जाने के लिए जो कि अर्बन नक्सल से जुड़ा है.
दूसरा, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर समर्थन देने के लिए क्योंकि यह किसी के खिलाफ नहीं है. फडणवीस ने हालांकि इसी क्रम में शिवसेना को घेरा और पूछा कि जब मध्य प्रदेश में छत्रपति शिवाजी का अपमान हो रहा है, तब सेना ने चुप्पी क्यों साध रखी है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
बता दें, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापना को लेकर उपजे विवाद ने सियासी रंग ले लिया है. रात के अंधेरे में प्रतिमा की स्थापना और फिर उसे हटाए जाने को लेकर विपक्षी दल बीजेपी और सत्ताधारी दल कांग्रेस आमने-सामने हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, कांग्रेस और शिवसेना में क्या अंतर है. कांग्रेस जहां भगवान राम के जन्म का सबूत मांगती है तो शिवसेना पूर्वजों के बारे में जानकारी चाहती है. अगर इंदिरा गांधी के खिलाफ कुछ बोला जाता है तो 10 घंटे के अंदर माफीनामा जारी कर दिया जाता है लेकिन सावरकर के खिलाफ कुछ बोला जाता है तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती.
फडवणीस ने कहा कि अभी हाल में मस्जिद के लिए भी ट्रस्ट बनाए जाने की बात उठी, जैसा ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किया गया है. इस पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, शरद पवार बाबरी मस्जिद के लिए इतने फिक्रमंद क्यों हैं? यह सब कुछ वोट बैंक की राजनीति के लिए है.
बता दें, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने हाल ही में अपने यूपी दौरे पर कहा था कि सरकार को अयोध्या में मस्जिद के लिए धन उपलब्ध कराना चाहिए. उन्होंने कहा, “बीजेपी लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांट रही है. अगर सरकार मंदिर के लिए ट्रस्ट बना सकती है तो एक अन्य ट्रस्ट बनाकर मस्जिद के लिए भी धन क्यों नहीं दे सकती.”
उधर प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद अपने सहयोगी दलों कांग्रेस-एनसीपी को झटका देते हुए उद्धव ठाकरे ने दो टूक कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएए पर मुसलमानों को डराया जा रहा है. पीएम मोदी के हवाले से उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि एनआरसी असम के अलावा पूरे देश में कहीं लागू नहीं होने जा रहा है.
शिवसेना प्रमुख ने यह भी साफ कर दिया कि महाराष्ट्र में एनपीआर की प्रक्रिया को उनकी सरकार आगे बढ़ाएगी. उनका बयान इसलिए अहम है क्योंकि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की. माना जा रहा है कि वहां भी कांग्रेस के रुख के उलट उन्होंने एनपीआर पर आगे बढ़ने की बात कही. उद्धव ठाकरे के इस फैसले का देवेंद्र फडणवीस ने स्वागत किया है.