मुक्केबाजी महासंघ के लिए निष्पक्ष होना जरूरी : सरिता देवी

sarita-devi11हरिद्वार। इंचियोन में 2014 में हुए एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला मुक्केबाज सरिता देवी को नवगठित भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) से काफी उम्मीदें हैं।

मुक्केबाज सरिता देवी का बयान

सरिता देवी का कहना है कि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ का गठन हो चुका है तो खिलाड़ियों को परेशानी नहीं आएगी।

सरिता ने साथ ही बीएफआई से उम्मीद जताई है कि वह निष्पक्ष होकर मुक्केबाजी को देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाएगी।

बीएफआई के गठन के बाद यहां जारी पहली महिला मुक्केबाजी नेशनल चैम्पियनशिप के उद्घाटन पर आई सरिता ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “मैं बीएफआई और देश के सभी खिलाड़ियों को बधाई देती हूं। काफी समय से खिलाड़ियों ने संघर्ष किया और अब जाकर नेशनल चैम्पियनशिप खेलने को मिला है। मुझे उम्मीद है कि कि बीएफआई अच्छा काम करेगी।”

सरिता ने महासंघ से गुहार लगाई है कि प्रतिभाशाली मुक्केबाजों को मदद मिले और सब कुछ निष्पक्ष तरीके से हो।

उन्होंने कहा, “मैं अपनी तरफ से महासंघ से कहना चाहती हूं कि जो भी अच्छा खिलाड़ी हो उसका समर्थन करिए। सभी टूर्नामेंटों का निष्पक्ष तरीके से आयोजन किया जाए। जब भी किसी टूर्नामेंट में कुछ गड़बड़ हो जाती है तो एक मुक्केबाज की जिंदगी पर उसका बहुत असर पड़ता है। इसलिए हर टूर्नामेंट में निष्पक्षता जरूरी है।”

उल्लेखनीय है कि इंचियोन एशियाई खेलों में सरिता देवी का रजत पदक मैच विवादित रहा था और मिले कांस्य पदक को उन्होंने शुरुआत में ठुकरा दिया था। इसके चलते सरिता देवी पर दीर्घकालिक प्रतिबंध भी लगा दिया गया था, लेकिन माफी मांगने के बाद सरिता देवी पर लगे प्रतिबंध की अविध घटा दी गई थी।

सरिता अपने गावं म्यांग (इंफाल) में एक मुक्केबाजी अकादमी भी चलाती हैं, जिसे वह खुद संचालित करती हैं। सरिता को उम्मीद है कि वह मुक्केबाजी में जो हासिल नहीं कर पाईं वह सब उनकी अकादमी के मुक्केबाज हासिल करेंगे और इसी मकसद से वह इस अकादमी का संचालन कर रहीं हैं।

उन्होंने कहा, “मुक्केबाजी मेरी जिंदगी है। मैंने अपनी तरफ से देश को काफी कुछ दिया आगे भी देती रहूंगी। मेरा मकसद है कि मैं जो हासिल नहीं कर पाई वह मेरी अकादमी के बच्चे हासिल करें और देश का नाम रोशन करें।”

सरिता कलाई की चोट की वजह से इस नेशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं ले रही हैं। उन्होंने कहा, “ओलिम्पक क्वालीफाईंग के दौरान मुझे चोट लगा थी लेकिन अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। लेकिन नेशनल चैम्पियनशिप से एक सप्ताह पहले मैं दोबारा चोटिल हो गई, जिसके कारण मैं इसमें हिस्सा नहीं ले पाई। आगे खेलने के लिए चोट से बचना जरूरी है। इसलिए मैं यहां नहीं खेल सकी।”

सरिता ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य अब राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है।

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