अजमेर। मुंबई में डांस बार खुलने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट से साफ हो गया है और खुशी मनाई जा रही है सैकड़ों किमी दूर राजस्थान के गावों में।
दरअसल, 2005 से बंद पड़े मायानगरी के डांस बार में राजस्थान के गांवों की लड़कियां काम करती थीं। इससे इनके घर का गुजारा चलता था। बार बंद होने के बाद इन लड़कियों को गांवों का रुख करना पड़ा, जहां गरीबी और जिस्म के धंधे में उतने को मजबूर होना पड़ा।
इस बीच, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि महाराष्ट्र सरकार डांस बार के लिए लाइसेंस जारी करें। यह खबर जैसे ही बड़ागांव पहुंची, खुशी की लहर दौड़ गई। अब इन युवतियों को उम्मीद है कि वे वापस मुंबई जाकर डांस बार में नाचकर पैसा कमाएंगी और बेहतर जिंदगी गुजार सकेंगी।
ऐसी ही एक युवती गुड़िया के मुताबिक, डांस बार बंद होने पर बड़ी संख्या में लड़कियां अपने गांवों को लौट आईं। जमा पैसों से कच्चे घर पक्के तो बन गए, लेकिन आगे गुजारा कैसे चलता? उन्हें वेश्यावृत्ति में उतरना पड़ा।
बार में डांस करना भीख मांगने से अच्छा
वहीं प्रीति बताती है, वह डांस बार में 30 से 40 हजार रुपए महीना कमाती थी। गांव की जवान और सुंदर लड़कियां मुंबई जाती हैं, क्याोंकि वहां ज्यादा पैसा है। डांस बार बंद होने से उनकी उम्मीदों को धक्का पहुंचा था।
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