मुंबई में अगले कुछ घंटों में होगी बहुत तेज बारिश, लोगों की बढ़ जाएंगी मुश्किलें मुश्किलें

मुंबई में मानसूनी बारिश का कहर जारी है, लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह पानी भरने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने 9 और 10 जुलाई को बहुत तेज बारिश होने की संभावना जतायी है। जिससे लोगों की मुश्किलें भी काफी बढ जाएंगी।

मध्य रेलवे सीपीआरओ के अनुसार किसी भी जगह जल-जमाव की सूचना नहीं है, पिछले एक घंटे के दौरान कुर्ला से मुलुंड खंड में 13 मिमी वर्षा दर्ज की गई। फिलहाल तीनों लाइनें, अप, डाउन और मिडिल चालू हैं। 

सोमवार को मुंबई में भारी बरसात के कारण देश की आर्थिक राजधानी एक बार फिर थमती दिखाई दी। एक दीवार गिरी, तीन उड़ानों के मार्ग बदले और लोकल ट्रेन के यात्रियों को देर-देर तक प्लेटफॉर्म पर खड़े रहना पड़ा। 

तेज बरसात का दौर सोमवार सुबह करीब 7.30 बजे शुरू हुआ और तीन घंटे में ही करीब 20 मिलीमीटर बरसात हो गई। चूंकि सुबह बरसात नहीं हो रही थी, इसलिए सप्ताह के पहले दिन तब तक लोग अपने कार्यालयों एवं अपने बच्चे भी स्कूल के लिए निकल चुके थे। लेकिन कुछ ही देर में हुई तेज बरसात के कारण जल्दी ही सड़कों और रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया। जिसके कारण खासतौर से मध्य रेलवे के प्लेटफार्मों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। सड़कों पर पानी भर जाने के कारण निजी वाहन एवं बेस्ट की बसों का आवागमन भी बाधित हुआ।

 

मुंबई से निकलने वाले मुंबई पनवेल हाइवे पर भी जलप्लावन का दृश्य नजर आया। हाइवे पर चल रही कारें डूबती दिखाई दीं। यहां तक कि तेज बरसात के मुंबई के अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर तीन विमानों का मार्ग परिवर्तन भी करना पड़ा। गनीमत यह रही कि सुबह हुई बरसात के दौरान समुद्र में ज्वार का समय नहीं था। इसलिए जल्दी ही बरसात का पानी निकल गया। करीब तीन घंटे लगातार तेज बरसात के बाद भी दिन में रुक-रुककर बरसात होती रही है। इस दौरान अंधेरी उपनगर में एक दीवार ढहने से एक व्यक्ति घायल हो गया। फिलहाल उसे खतरे से बाहर बताया जा रहा है। 

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में भी मुंबई और आसपास के जनपदों में तेज बरसात की संभावना जताई गई है। सोमवार सुबह हुई बरसात ने मुंबई के पड़ोसी जनपदों ठाणे और पालघर को भी अपनी गिरफ्त में लिया। नासिक में तो एक दिन पहले से हो रही तेज बरसात के कारण गोदावरी नदी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। गोदावरी के रामघाट स्थित मंदिर और मकान नदी के बढ़े जलस्तर में डूब गए हैं। बता दें कि जून के अंतिम एवं जुलाई के प्रथम तीन दिनों में हुई बरसात के दौरान मुंबई एवं पुणे में दीवार गिरने की तीन घटनाओं में 50 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। 

 क्या है पानी भर जाने के बड़े कारण-

– शासनकर्ताओं ने इन सातों द्वीपों के बीच की समुद्री खाड़ियों को पाटकर इसे तीन तरफ समुद्र से घिरे एक भूखंड का रूप दे दिया

– बांद्रा रिक्लेमेशन, बैकबे रिक्लेमेशन और नरीमन प्वाइंट जैसे कई स्थान तो बाकायदा समुद्र को पाटकर ही बसाए गए

– पक्की सड़कें बनाते समय उसके दोनों ओर बनाए गए फुटपाथ भी कच्चे नहीं छोड़े गए।

– धरती में पानी सोखने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए।

– मुंबई में 22 पहाड़ियां हुआ करती थीं। इनमें से ज्यादातर को काट-तोड़कर वहां बस्तियां बसा दी गई

– बेतरतीब बस्तियों को बसाते समय जलनिकासी का कोई ध्यान नहीं रखा गया।

– हाई टाइड की वजह से शहर का पानी नहीं जा पाता समुद्र में।

– जब समुद्र में लो-टाइड शुरू होता है तो सीवर के रास्ते पानी फिर समुद्र में जाने लगता है और शहर का जलभराव खत्म हो जाता है।

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