पिछले लोकसभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर में भी बिहार की करीब दर्जन भर ऐसी सीटें हैं, जहां राजद-कांग्रेस प्रत्याशियों की हार बहुत कम अंतर से हुई थी। सारण में खुद राबड़ी देवी और पाटलिपुत्रा में डॉ. मीसा भारती की हार की कहानी भी महज 40 हजार वोटों के अंतर से लिखी गई थी। 
इस बार बदले समीकरण का अनुमान लगाकर राजद ने नजदीकी मुकाबले वाली सीटों के लिए एक्शन प्लान बनाया है। ऐसी दर्जन भर सीटों के प्रत्येक बूथों पर राजद के समर्थक वोटरों की संख्या बढ़ाने की पहल तेज कर दी गई है।
राजद ने पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस से तालमेल करके लड़ा था। तेजस्वी यादव ने ऐसी सीटों को खंगाला है, जहां राजद प्रत्याशियों को 50 हजार से कम वोटों से हारना पड़ा था। राबड़ी को सारण में भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रुडी ने 40 हजार 948 वोटों से हराया था।
पाटलिपुत्रा सीट पर राजद से बगावत करके भाजपा प्रत्याशी बने रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को 40 हजार 322 वोटों से पराजित किया था। दोनों सीटों पर हार से राजद ने बड़ा सबक लेकर नजदीकी मुकाबले वाली सीटों का सर्वे कराया है, जहां हार का कारण, हालात, मतदाताओं की मंशा, सामाजिक समीकरण और विरोधी दलों के संभावित प्रत्याशियों का आकलन कराया गया है।
तेजस्वी का मानना है कि जदयू-भाजपा के गठबंधन हो जाने से इस बार के हालात और कठिन होंगे। दूसरे दल भी जोर लगाएंगे। ऐसे में इन सीटों पर प्रचार और संगठन की मजबूती के अलावा प्रत्याशी बदलने जैसी रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal