मिलावटी मसाले की आशंका में खाद्य विभाग के अफसरों ने बुधवार को नायता मुंडला स्थित फैक्टरी पर छापा मारा। यहां एक कमरे में रखी कुछ बोरियों में लौंग की लकड़ी, इलायची के छिलके मिले। इसी कच्चे माल से ही मसाला तैयार किया जाता था। अफसरों ने फैक्टरी सील कर दी है। मौके पर मसालों की बिक्री का रिकॉर्ड भी सही नहीं पाया गया। बुधवार दोपहर खाद्य विभाग के अफसरों के साथ पहुंची क्राइम ब्रांच व नगर निगम की टीम ने सभी कमरे और दस्तावेज की पड़ताल की। फैक्टरी में गंदगी के बीच ऋषभ ब्रांड के मसाले तैयार किए जा रहे थे। नमक की बोरियां फर्श पर गंदगी में रखी हुई थी। तैयार मसाले अलग-अलग शहरों में खपाए जाते थे। फैक्टरी में ऊपर की तरफ एक हॉल बना हुआ है। यहां एक बोरा लौंग की लकड़ी, तीन बोरे अजवाइन का बूरा और 10 बोरे इलायची के छिलके भरकर रखे हुए थे। कारखाना संचालक जिनेश जैन ने बताया कि बोरियों में बंद माल फेंकने के लिए रखा है, लेकिन जब अफसरों ने पूछा कि पहले कभी माल नष्ट करने के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा है तो संचालक संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।
12 मसालों के लिए सैंपल
टीम ने 12 मसालों के सैंपल लिए। तैयार किए जा रहे मसालों में हल्दी पावडर, सोयाबीन तेल, दिव्य ज्योति गरम मसाला, काली मिर्च पावडर, धनिया पावडर, मिर्च पावडर, ऋषभ धनिया पावडर, ऋषभ फरियाली सिंघाड़ा आटा, ऋषभ फरियाली राजगिरा आटा, ऋषभ अचार मसाला, ऋषभ माधुरी अचार मसाला, माधुरी अमचूर पावडर शामिल है।
पैकिंग पर भी जानकारी नहीं
खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि फैक्टरी में पैक हो चुके मसालों की ज्यादातर पैकिंग पर बनाने की तारीख स्पष्ट नजर नहीं आ रही थी। माल की बिक्री का रिकॉर्ड भी व्यवस्थित नहीं मिला। इस पर वाणिज्यिक कर विभाग की टीम को जानकारी दी गई। अफसरों ने लैपटॉप व फाइलों के दस्तावेज जांचना शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को भी ताला खुलावकर अफसरों की टीम दस्तावेज की पड़ताल करेगी।