मासूम बच्चियों से दुष्कर्म पर भड़के लोग, यूपी व बिहार वालों को राज्य छोड़ने की धमकी

मासूम बच्चियों से दुष्कर्म पर भड़के लोग, यूपी व बिहार वालों को राज्य छोड़ने की धमकी

उत्तर व दक्षिण गुजरात में मासूम बालिकाओं के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर राज्य से बाहर के लोगों के खिलाफ गुजरातियों का गुस्सा फूट पड़ा है। करीब आधा दर्जन स्थलों पर ठाकोर सेना व अन्य लोगों ने उत्तर प्रदेश (यूपी) व बिहार के महिला व पुरुषों पर हमला कर उन्हें राज्य से बाहर जाने की धमकी दी है। हमले के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर 200 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।मासूम बच्चियों से दुष्कर्म पर भड़के लोग, यूपी व बिहार वालों को राज्य छोड़ने की धमकी

पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, सोला पुलिस थाना इलाके में स्थित चांडलोडिया के पास रहने वाले केदारनाथ अगरेही को दो दिन पहले दो दर्जन से अधिक लोगों ने आकर धमकी दी था स्टिक से हमला कर हाथ व पैर में फ्रैक्चर कर दिया। वह उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर का रहने वाला है, सब्जी बेचकर गुजारा चलाता है। भीड़ ने उनके ऑटों की विंडशीट को फाड़ दिया व उन पर भी हमला किया। साबरमती पुलिस में दर्ज एक अन्य एफआईआर में प्रतिमा कोरी ने बताया कि चार युवक उसका पीछा करते हुए आ रहे थे। उन्होंने धमकी दी की बाहर के राज्यों के लोगों को गुजरात में नहीं रहने देंगे, यहां रहे तो जान से मार डालेंगे। प्रतिमा कोरी का जन्म अहमदाबाद में हुआ है लेकिन वे मूल रूप से फैजाबाद यूपी से हैं। मेघाणी नगर में बीती रात प्रथ्वी ठाकोर की अगुआई में ठाकोर समुदाय के लोगों ने उत्तर भारतीय लोगों के आवासों पर हमला कर उन्हें गुजरात छोड़कर जाने की धमकी दी। उनका कहना है कि वे गुजरात को अपराध मुक्त रखना चाहते हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग राज्य को छोड़कर चले जाएं।

गत 28 सितंबर को एक युवती ने साबरकांठा में एक श्रमिक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, आरोपित रवींद्र कुमार बिहार का रहने वाला है तथा फैक्ट्री में काम करता है। कांग्रेस विधायक व ठाकोर सेना के संस्थापक अल्पेश ठाकोर ने राज्य सरकार को इन मामलों को गंभीरता से लेकर त्वरित कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने मांग की है कि राज्य से बाहर के लोगों का गुजरात में पंजीकरण होना चाहिए, ताकि अपराध पर लगाम कसी जा सके। अल्पेश ने कहा कि वे अन्य राज्यों के युवकोें के गुजरात में आने का विरोध नहीं करते। पूरे देश में लोगों को रहने व काम करने का अधिकार है लेकिन उनका पंजीकरण किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि अल्पेश ठाकोर हाल ही में बिहार के सहप्रभारी नियुक्त किए गए हैं।

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