शराब कारोबारी विजय माल्या बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये लेकर भागा हुआ है. माल्या फिलहाल ब्रिटेन में हैं. वहीं भारत का कहना है कि माल्या को लाने का प्रयास जारी है. वहीं दूसरे भगोड़े नीरव मोदी के बारे में भी आप सुने होंगे. हीरा व्यापारी नीरव मोदी पर बैंकों से 11,300 करोड़ का फ्रॉड करने का आरोप है. लेकिन हम जो आपको बता रहे हैं वह माल्या और नीरव मोदी के बारे में नहीं बता रहे हैं. हम इस लेख में आपको आपके पैसे के बारे में बताएंगे.
चार साल से भी कम समय में (अप्रैल 2015 से सितंबर 2018 तक) भारत में बैंकों में आपसे दो तरह के चार्ज लेकर 10,391.43 करोड़ रुपये की कमाई की है. पहले तो बचत खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर फाइन और दूसरा एटीएम की फ्री विदड्रॉल लिमिट पूरी होने पर फाइन.
यह रकम विजय माल्या का जितना बकाया है उससे कहीं ज्यादा है. वहीं नीरव मोदी के बकाए राशि का 92 फीसदी है. यह सिर्फ इतना ही नहीं है. इतनी कमाई सिर्फ पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने की है. इसमें निजी बैकों ने जुर्माने से जो राशि कमाई है वह शामिल नहीं है.
लेकिन क्यों हम बैकों का जो बकाया है और बैकों ने जो ग्राहकों से कमाई की है उसकी तुलना करें. क्या यह कानूनी रूप से सही है. हम ऐसा नहीं कर रहे हैं. हम सिर्फ यह बता रहे हैं कि कैसे बैंक ग्राहकों से चार्ज के जरिए पैसे लेते हैं.
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