एजेंसी/नई दिल्ली: शराब किंग के नाम से मशहूर विजय माल्या की मुसीबत अब और भी बढ़ी. एक ओर जहां ईडी ने विजय माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है. तो बेंगलुरु से मिला एक और झटका.
बेंगलुरु की ऋण वसूली अधिकरण कोर्ट (डीआरटी) ने साफ़ कर दिया है कि जब तक केस चल रहा है तब तक विजय माल्या डियाजिओ द्वारा मिलने वाला 515 करोड़ रूपये नहीं निकाल सकते. उन पर भारतीय स्टेट बैंक समेत करीब 17 बैंकों के डिफॉल्टर होने का आरोप है.
उधर डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) का ये फैसला बैंकों के लिए बोनस से कम नहीं. दरअसल विजय माल्या से कर्ज वसूली के लिए स्टेट बैंक ने अर्जी दायर की थी. जिस पर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना कर अगली सुनवाई 28 मार्च को रखी है. माल्या की कंपनी किंगफिशर एयर लाइंस पर 17 बैंको को करीब सात हजार पांच सौ करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें एक हजार छह सौ करोड़ रुपए का कर्ज एसबीआई का है.
स्टेट बैंक ने अदालत में माल्या की गिरफ्तारी और पासपोर्ट जब्त करने की भी अपील की है. साथ ही उनकी सम्पति अट्टेच करने की भी अपील की है. एसबीआई ने कुल 4 अपील दायर की थी. जिस पर जल्द ही फैसला आ सकता है.
इस सब के बीच विजय माल्या ने कल बयान ज़ारी कर कहा कि वह कर्जदाताओं को अतिरिक्त भुगतान के जरिये बैंकों के साथ ‘एकमुश्त निबटारा’ करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ‘कर्जदार’’ होने के आरोपों को खारिज कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सभी प्रकार के ‘‘रिणों’’ के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराने का ‘दुष्प्रचार अभियान’ चलाया जा रहा है.
डिआजिओ के साथ एक सौदा के बाद ज्यादा समय इंग्लैंड में गुजारने और खुद पर लगे ‘भगोड़ा’ होने के आरोपों से इंकार करते हुये शराब कारोबारी माल्या ने कहा कि वह लंबे समय से बंद एयरलाइन कंपनी किंगफिशर को बैंकों द्वारा रिण उपलब्ध कराये जाने के संबंध में जांच एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे.
बतादे की बैंकों का कुल ₹7.5 करोड़ विजय माल्या पर ड्यू हैऔर हाल ही में यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड के चेयरमैन पद से हटने के बदले उन्हें डियाजिओ से $75 मिलियन यानि ₹515 करोड़ मिलने थे. इस बीच बैंको ने मिलकर कोर्ट में ये अपील की कि इन पैसो का पहला हक़ बैंको को दिया जाये. जिस पर माल्या की ओर से जोर देकर कहा गया कि वह ‘कर्जदार या जान बूझकर रिण अदायगी में चूक करने वाले’ नहीं हैं.
उनकी तरफ से ये भी आरोप लगाये गए कि भारतीय स्टेट बैंक को लंबे समय से किंगफिशर की वित्तीय परेशानियों के बारे में पता था. साथ ही कहाँ कि बैंक सिर्फ छोटी मछलियों का शिकार कर रही है जब कि कई बड़ी मछलियां बिना भुगतान किये बैठी है.
स्टेट बैंक ने उन्हें ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) में उनकी गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त किए जाने की भी मांग की है.
वहीँ आज सुबह ईडी ने सीबीआई की शिकायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया. सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारी जल्द ही माल्या से पूछताछ कर सकते हैं. ऐसे में एक बात तो स्पष्ट है कि विजय माल्या की मुश्किलें जल्द ख़त्म होती नहीं दिख रही.