डाटा लीक मामले में फेसबुक के सीईओ ने अमेरिकी सीनेट के सामने माफी मांगी. उन्होंने कहा जो कुछ भी हुआ उसके लिए सिर्फ वो जिम्मेदार हैं. मार्क जुकरबर्ग ने सीनेट को यह भी भरोसा दिलाया कि वह और उनकी टीम इस पर काम कर रहे हैं कि भारत और दूसरे देशों में होने वाले चुनाव बिल्कुल निष्पक्ष हों. जुकरबर्ग के मुताबिक, उनकी कंपनी हर मुमकिन कोशिश कर रही है कि जो गलती हुई वो दोबारा न दोहराई जाए. कैपिटोल हिल में सीनेट के सामने मार्क जुकरबर्ग ने कहा 2018 एक बेहद अहम साल है. भारत और पाकिस्तान जैसे कई देशों में चुनाव होने हैं. ”हम हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं चुनाव पूरी तरह सुरक्षित रहें, इस पर काम चल रहा है.”
फेसबुक नहीं निभा पाया जिम्मेदारी
दुनिया की सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के सीईओ और फाउंडर ने कहा फेसबुक अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं निभा पाया. उन्होंने माफी मांगते हुए यह माना कि उनके प्लटेफॉर्म का इस्तेमाल झूठी खबरों और चुनाव को बिगाड़ने के लिए किया गया.
जुकरबर्ग ने जताया अफसोस
33 वर्षिय अरबपति जुकरबर्ग ने कहा उन्हें अफसोस है कि उनकी कंपनी ने 2016 में हुए अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने वाली रूस की गड़बड़ी को देर से पकड़ा. जिसका फायदा डोनाल्ड ट्रंप को मिला. आज वह अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति हैं.
मजबूत कर रहे हैं सिक्योरिटी फीचर्स
मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि भारत में आगामी चुनावों को देखते हुए वह इसके सिक्योरिटी फीचर्स को और मजबूत कर रहा है. जुकरबर्ग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का हवाला देते हुए कहा कि इसे फेसबुक पर लाया गया है ताकि चुनावों को प्रभावित करने और न्यूज को मैनुपुलेट करने वाले फेक अकाउंट्स की पहचान हो सके. ऐसा टूल पहली बार फ्रांस के चुनाव में साल 2017 में लाया गया था.
फर्जी अकाउंट की पहचान के लिए एआई टूल
मार्क जुकरबर्ग ने कहा ‘नए AI टूल को हमने 2016 के चुनाव के बाद बनाया था. मैं ऐसा मानता हूं कि करीब 30 हजार से ज्यादा फेक अकाउंट्स जो रूस से जुड़े थे वो ठीक अमेरिका में 2016 में हुए चुनाव की तरह ही रणनीति अख्तियार करना चाहते थे. लेकिन, हमने उन सभी को डिसएबल कर फ्रांस में बड़े पैमाने पर होनेवाली इस तरह की चीजों से बचा लिया.’ जुकरबर्ग ने कहा ‘पिछले साल 2017 में अलबामा में विशेष चुनाव के दौरान हमने कुछ नए एआई टूल्स फर्जी एकाउंट्स और फेक न्यूज की पहचान के लिए लेकर आए. जिसके बाद हमने ये पाया कि बड़ी तादाद में मोसीडोनियन एकाउंट्स बने थे जो गलत न्यूज फैला रहे थे. जिसे हमने सोशल प्लेटफॉर्म से हटा दिया.’
रूस ने लगाई सेंध
जुकरबर्ग ने रूस पर आरोप लगाते हुए कहा, “रूस में लोग हैं जिनका काम हमारे सिस्टम, दूसरे इंटरनेट सिस्टम और अन्य सिस्टम में सेंध लगाकर फायदा उठाना है. ऐसे में यह हथियारों की दौड़ है. जिसे बेहतर बनाए रखने और इसे बेहतर करने के लिए इसमें निवेश करने की जरूरत है.” जुकरबर्ग ने माना कहा, “मैंने फेसबुक के 8.70 करोड़ यूजर्स के निजी डेटा का दुरुपयोग रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जबकि यह मेरी जिम्मेदारी थी.”