साल-2022 में प्रस्तावित यूपी विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश का सियासी माहौल धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा है। इस बीच बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एक बार फिर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि सपा की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि उसे दूसरी पार्टी के नेताओं को ज्वाइन कराना पड़ रहा है।

गुरुवार को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि ‘सपा की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि अब आए दिन मीडिया में बने रहने के लिए दूसरी पार्टी से निष्कासित और अपने क्षेत्र में प्रभावहीन हो चुके पूर्व विधायकों और छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं आदि तक को भी सपा मुखिया को उन्हें कई-कई बार खुद पार्टी में शामिल कराना पड़ रहा है।
मायावती ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि,’ऐसा लगता है कि सपा मुखिया को अब अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं रहा है। जबकि अन्य पार्टियों के साथ-साथ खासकर सपा के ऐसे लोगों की छानबीन करके उनमें से केवल सही लोगों को बीएसपी के स्थानीय नेता आए दिन बीएसपी में शामिल कराते रहते है, जो यह सर्वविदित है।’
इसके पहले मायावती बसपा के विधायकों की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में सपा पर घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया था। मायावती ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करके बसपा में टूट की आशंका वाली खबरों का खंडन किया था।
उन्होंने लिखा था कि सपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है। यह जगजाहिर है। बसपा के निलंबित विधायकों से मिलने का मीडिया में प्रचार करने के लिए सपा का यह नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज्यादा लगती है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal