माघ मेले में दूरदराज से आने वाले कल्पवासियों ने संगम की रेती पर डेरा जमा लिया है। तड़के उठकर गंगा स्नान और पूजन-अर्चन के साथ भजन-कीर्तन का दौर भी जारी है। इन दिनों कड़ाके की ठंड भी है। वहीं खुला क्षेत्र होने के कारण मेला क्षेत्र में ठंड का और भी असर है। ऐसे में कल्पवासियों व स्नानार्थियों को इस हाड़कंपा देने वाली सर्दी में खुद की सेहत पर भी ध्यान देना होगा। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि अधिक उम्र के कल्पवासी सुबह थोड़ी धूप निकलने या गलन कम होने के बाद स्नान करें तो बेहतर होगा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र में त्रिवेणी और गंगा अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेले में त्रिवेणी और गंगा अस्पताल स्थापित किया गया है। अभी तक सुनसान रहने वाले इन अस्पतालों में अब कल्पवासियों व अन्य श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। पौष पूर्णिमा स्नान के दिन सबसे अधिक ओपीडी में मरीज पहुंचे। त्रिवेणी अस्पताल में 503 लोग आए। इसमें सबसे अधिक संख्या कल्पवासियों की है, जिन्हें ठंड के चलते परेशानी हुई। ऐसे में तैनात डॉ. विवेक मिश्र ने सलाह दी कि अधिक उम्र के कल्पवासी सुबह थोड़ी धूप निकलने या गलन कम होने के बाद स्नान करें तो बेहतर होगा।
एंबुलेंस आदि की व्यवस्था है
डॉ. विवेक ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो अस्पताल 20-20 बेड के बनाए गए हैं। एंबुलेंस आदि की व्यवस्था है। कल्पवासी या अन्य श्रद्धालु इसके जरिए अस्पताल पहुंच सकते हैं। गंगा अस्पताल के अधीक्षक डॉ. गणेश प्रसाद ने बताया कि सिर्फ एक दिन में 376 लोग इलाज कराने पहुंचे। सभी को दवाएं आदि उपलब्ध कराई गईं।