लखनऊ। राजनीतिक महत्वाकांक्षा को लेकर मां से दूर हुईं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मंगलवार को अपनी मां कृष्णा पटेल से मिलीं। मौका था छोटी बहन पल्लवी पटेल की गोदभराई का। इस घटनाक्रम से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अपना दल एक बार फिर एक हो सकता है।
 अपना दल के प्रमुख सोनेलाल पटेल की मौत के बाद पार्टी की कमान कृष्णा पटेल के हाथों में रही। 2012 एवं 2014 चुनाव भी एकजुट होकर लड़ा गया। लेकिन, अनुप्रिया के सांसद बनने के बाद राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर मां और बेटी के बीच विवाद हुआ। यह मामला निर्वाचन आयोग एवं अदालत तक पहुंच गया। कृष्णा पटेल ने वाराणसी की रोहनिया सीट से उप चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
अपना दल के प्रमुख सोनेलाल पटेल की मौत के बाद पार्टी की कमान कृष्णा पटेल के हाथों में रही। 2012 एवं 2014 चुनाव भी एकजुट होकर लड़ा गया। लेकिन, अनुप्रिया के सांसद बनने के बाद राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर मां और बेटी के बीच विवाद हुआ। यह मामला निर्वाचन आयोग एवं अदालत तक पहुंच गया। कृष्णा पटेल ने वाराणसी की रोहनिया सीट से उप चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
2017 के विधानसभा चुनाव से पूर्व अपना दल का विभाजन हो गया। एक गुट की मुखिया अनुप्रिया बनीं तो दूसरे की कृष्णा पटेल। अनुप्रिया ने भाजपा के साथ तालमेल कर 11 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें नौ विधायक निर्वाचित हुए। कृष्णा पटेल स्वयं रोहनिया से चुनाव हार गईं। उनके समूह का एक भी नेता विधानसभा नहीं पहुंच सका।
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अनुप्रिया की छोटी बहन पल्लवी पटेल, कृष्णा गुट अपना दल की उपाध्यक्ष भी हैं। वह अपनी मां के साथ कानपुर में रहती हैं। उनकी शादी कानपुर में एक भाजपा नेता के साथ तय हुई है।
मंगलवार को पल्लवी की गोदभराई थी। इस आयोजन में बड़ी बहन की हैसियत से अनुप्रिया पटेल भी शामिल हुईं। मां कृष्णा के साथ उनकी बातचीत भी हुई। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दो भागों में बंटा अपना दल अब एक हो जाएगा। ऐसे में कृष्णा पटेल को अनुप्रिया विधान परिषद सदस्य बनवा सकती हैं।
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