धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी में मंदिर माता महागौरी की विशेष पूजा-अर्चना करने से साधक को पापों से छुटकारा मिलता है। साधकों के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर काशी में स्थित है। इस मंदिर को लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आइए विस्तार से जानते हैं मां महागौरी मंदिर के बारे में।
सनातन धर्म के लोग चैत्र नवरात्र के आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। चैत्र नवरात्र के दौरान मंदिरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। इस पावन समय में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अलग-अलग दिन करने का विधान है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। चैत्र नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की उपासना की जाती है। इस अवसर पर साधक मां महागौरी की पूजा करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर भी जाते हैं। अगर आप किसी मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको मां महागौरी को समर्पित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां दर्शन करने से साधक को पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही परिक्रमा लगाने से सभी मनचाही मनोकामना पूरी होती है।
मां महागौरी मंदिर
यह मंदिर काशी में स्थित है। इस मंदिर को लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा बताया जाता है कि एक बार मां गौरी देवों के देव महादेव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थीं। वह तपस्या की वजह से कृष्ण वर्ण हो गई। बाद में भगवान शिव ने गंगाजल से मां को गौर वर्ण कर दिया। इसके पश्चात मां पार्वती को देवी महागौरी का नाम मिला और काशी में विराजमान हो गईं।
ये है मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी में मंदिर माता महागौरी की विशेष पूजा-अर्चना करने से साधक को पापों से छुटकारा मिलता है। साधकों के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है।
अधिक संख्या में श्रद्धालु करते हैं दर्शन
ऐसी भी मान्यता है कि जो साधक नवरातर के दौरान मां महागौरी को फूल और लाल चुनरी अर्पित करता है। उसके जीवन के दुख दूर होते हैं। नवरात्र में इस मंदिर में पूजा और दर्शन करने के लिए अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।