घर पर बीमार हुए डॉग का उपचार कराने के लिए गूगल पर एनीमल डॉक्टर का मोबाइल नंबर सर्च करना युवती को महंगा पड़ा। गूगल से जो नंबर उसे मिला वह डॉक्टर नहीं बल्कि जालसाज का था।

बातचीत के दौरान उसने डॉग के उपचार के लिए एडवांस में फीस जमा करने को कहा। जिसके लिए युवती के मोबाइल पर लिंक भेजी।
लिंक को युवती ने मोबाइल पर क्लिक किया और सायबर जालसाज ने उसके बैंक खाते से 75 हजार 896 रुपए उड़ा दिए। खाते से रकम निकलने का मैसेज मिलने के बाद चौकन्नी हुई युवती स्टेट सायबर सेल पहुंची जहां यूपीआई की जांच करने के बाद उन्होंने बैंक से 44 हजार रुपये का लेनदेन रुकवा दिया, जिसके चलते इतनी रकम जालसाज नहीं निकाल पाया। प्रकरण दर्ज कर सायबर पुलिस मामले की जांच कर जालसाज का पता लगा रही है।
शास्त्री नगर निवासी मुस्कान तिवारी ने सायबर पुलिस को बताया कि उनका पालतू डॉग बीमार हो गया था। किसी एनीमल डॉक्टर से संपर्क न होने के कारण गूगल सर्च से नंबर की तलाश की।
जो नंबर मिला उस पर बात की तो जवाब देने वाले ने स्वयं का परिचय एनीमल एनजीओ के सदस्य के तौर पर दिया तथा बताया कि वह डॉग का उपचार करा देगा लेकिन फीस पहले चुकानी होगी।
उसने यूपीआई के माध्यम से फीस चुकाने के लिए युवती से कहा और यूपीआई का लिंक भेज दिया। उसने युवती से यूपीआई लिंक पर ओटीपी इंटर करने के लिए कहा।
उसने ऐसा 3 बार कराया और युवती के बैंक खाते से हजारों रुपए निकल गए। खाते से पैसे निकलने का मैसेज मिलने के बाद युवती ने संबंधित नंबर पर दोबारा संपर्क करना चाहा लेकिन उत्तर नहीं मिला।
जालसाजी का शिकार युवती स्टेट सायबर सेल पहुंची। एसपी अंकित शुक्ला को आपबीती बताई जिसके बाद उन्होंने निरीक्षक विपिन ताम्रकार व विवेचक रितु उपाध्याय को अविलंब कार्रवाई के निर्देश दिए।
एसपी शुक्ला ने बताया कि युवती की शिकायत मिलने के बाद यूपीआई के माध्यम से बैंक खाते की जानकारी ली गई तो पता चला कि 75 हजार 896 में से 44 हजार रुपये जालसाज नहीं निकाल पाया है। बैंक अधिकारियों से चर्चा कर रकम होल्ड करा दी गई।
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