देवी महालक्ष्मी के पूजन से धन की प्राप्ति होती है। यह लक्ष्मीजी के एक रूप की साधना है। उनके दूसरे स्वरूपों से धन, यश, आरोग्य, आयु आदि की प्राप्ति होती है। माता लक्ष्मी के अष्टलक्ष्मी स्वरूपों की उपासना से मानव की सभी कामनाओं की पूर्ति होती है और सुख-समृद्धि के आशीर्वाद के साथ धन-वैभव प्राप्त होता है।
1. धनलक्ष्मी : अष्टलक्ष्मी में सबसे पहली देवी धनलक्ष्मी है। माता के इस स्वरूप की आराधना से दरिद्रता का नाश होकर समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धनलक्ष्मी की उपासना से, कर्ज और समस्त आर्थिरक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। माता की उपासना के लिए ॐ धनलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
2. यशलक्ष्मी : माता के यशलक्ष्मी स्वरूप की आराधना से मान-सम्मान, यश, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। माता यश लक्ष्मी की उपासना से भक्त में विनम्रता का गुण आता है और शत्रुता का नाश होता है। माता की उपासना के लिए ॐ यशलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
3. आयुलक्ष्मी : आरोग्य और लंबी आयु के लिए माता के आयुलक्ष्मी स्वरूप की आराधना की जाती है। माता अपने भक्तों को शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति देती है। माता की उपासना के लिए ॐ आयुलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
4. वाहनलक्ष्मी : वाहन की अभिलाषा रखने वाले साधकों को माता के वाहनलक्ष्मी स्वरूप की पूजा करना चाहिए। माता की आराधना से उपासक को उत्तम मनचाहे वाहन की प्राप्ति होती है। माता की उपासना के लिए ॐ वाहनलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
5. स्थिरलक्ष्मी : घर में धन का वैभव हमेशा बना रहे और धन-धान्य से घर परिपूर्ण रहे, इसलिए माता स्थिरलक्ष्मी की पूजा की जाती है। माता की उपासना के लिए ॐ स्थिरलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
6. सत्यलक्ष्मी : माता सत्यलक्ष्मी की आराधना से साधक को सुंदर और सुशील पत्नी की प्राप्ति होती है और पत्नी हमेशा एक बेहतर जीवनसंगिनी का फर्ज निभाती करती है। माता की उपासना के लिए ॐ सत्यलक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
7. संतानलक्ष्मी : माता संतानलक्ष्मी की आराधना से उत्तम, स्वस्थ और सुंदर संतान की प्राप्ति होती है। और साधक का वंश लगातार बढ़ता रहता है। माता की उपासना के लिए ॐ संतानलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
8. गृहलक्ष्मी : अपने घर का सपना पूरा करने के लिए माता गृहलक्ष्मी की आराधना करना चाहिए। माता गृहलक्ष्मी की पूजा से घर संबंधी सभी समस्याओं का हल होता है और घर में सुख, शांति और संपन्नता बनी रहती है। माता की उपासना के लिए ॐ गृहलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।