CM शिंदे का कहना है कि कैबिनेट विस्तार जल्द किया जाएगा। खबर है कि पहले शपथ ग्रहण में दोनों पक्षों के करीब 15 विधायक शपथ लेंगे। वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृहविभाग दिया जा सकता है।
महाराष्ट्र में कैबिनेट को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है। कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के वादे से पीछे हटने के चलते सरकार में मंत्रियों की एंट्री नहीं हो पा रही है। खबर है कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मामला सुलझ जाने तक विस्तार करने के मूड में नहीं हैं। हाल ही में वह करीब 7 बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं।
सूत्रों ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने के लिए जब भाजपा ने शिंदे के साथ हाथ मिलाया था, तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने दो वादे किए थे। एक कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और उनके खेमे को नई सरकार में दो तिहाई मंत्री पद दिए जाएंगे। इसलिए अधिकांश शिवसैनिक विधायकों को नई सरकार में कैबिनेट मंत्री या जूनियर मंत्री बनाने का वादा किया गया।’
सूत्रों ने आगे कहा, ‘भाजपा ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर अपना पहला वादा पूरा किया, लेकिन उनके वफादारों को दो तिहाई मंत्री पद देने पर पैर पीछे खींच लिए। इसलिए कैबिनट विस्तार में देरी हो रही है।’
शिंदे का कहना है कि राज्य में कैबिनेट विस्तार जल्द किया जाएगा। खबर है कि पहले शपथ ग्रहण में दोनों पक्षों के करीब 15 विधायक शपथ लेंगे। वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृहविभाग दिया जा सकता है। एक अन्य रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इस सप्ताह कैबिनेट विस्तार हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि भाजपा की शुरुआती योजना शिंदे को बाहर से समर्थन देने की थी। उन्होंने कहा, ‘लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आखिरी समय में प्लान बदला और देवेंद्र फडणवीस को उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए कहा। उन्हें लगता है कि बाहर से समर्थन देने से शिंदे सरकार में अस्थिरता आएगी और अगर कुछ गलत होता है, तो भाजपा को नाराजगी का सामना करना पड़ेगा। अब भाजपा कैबिनेट में सबसे बड़ा हिस्सा मांग रही है, जबकि शिंदे ऐसा करने में अनिच्छुक हैं।’
भाजपा से नाखुश हैं शिंदे!
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया, ‘आखिरी समय में योजना बनाने के लिए शिंदे भाजपा नेतृत्व से खुश नहीं हैं। लेकिन उनके पास विकल्प सीमित हैं और इसे लेकर वह खुलकर बात भी नहीं कर सकते हैं। भाजपा ने उनका इस्तेमाल उद्धव ठाकरे सरकार गिराने के लिए किया और अब दो तिहाई मंत्री पद मांग रही है। शिंदे ने मामला सुलझने तक कैबिनेट का विस्तार नहीं करने का फैसला लिया है।’