महाराष्ट्र: नाबालिग छात्र से संबंध के मामले में महिला टीचर को मिली जमानत

महाराष्ट्र में नाबालिग के साथ संबंध का मामला उजागगर होने के मामले में अदालत ने आरोपी महिला टीचर को जमानत दे दी है। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति के बाद बने थे।

महाराष्ट्र में एक 40 वर्षीय महिला स्कूल टीचर को 16 साल से अधिक उम्र के छात्र के साथ कथित रूप से कई बार यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब एक विशेष अदालत ने उसे जमानत देते हुए कहा कि दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति से था। पॉक्सो (बाल यौन शोषण रोकथाम कानून) मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष न्यायाधीश सबीना मलिक ने सोमवार को यह फैसला सुनाया।

सबूतों से आपसी संबंध का खुलासा
कोर्ट ने आदेश में कहा कि पीड़ित लड़के की उम्र 16 साल से अधिक है और दोनों पक्षों की ओर से ऐसे सबूत सामने आए हैं जो यह दर्शाते हैं कि संबंध आपसी सहमति से थे। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि महिला अब स्कूल की टीचर नहीं है, उसने इस्तीफा दे दिया है। इसलिए अब छात्र और शिक्षक का रिश्ता नहीं रहा और असर भी कम हो गया है।

लड़के की मां के कहने दर्ज हुआ झूठा केस
महिला टीचर की ओर से पेश वकीलों नीरज यादव और दीपा पंजानी ने दावा किया कि यह मामला लड़के की मां के कहने पर झूठा दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि महिला के लड़के के साथ कई बातचीत के रिकॉर्ड हैं और उसके माता-पिता इस रिश्ते के खिलाफ थे। टीचर ने यह आपत्ति भी उठाई कि उसकी गिरफ्तारी के समय जो दस्तावेज दिए गए वो मराठी में थे, जिसे वह नहीं समझती। बिना समझे उससे दस्तावेजों पर दस्तखत करवा लिए गए। महिला ने अपने दो जुड़वां बच्चों की स्थिति का भी हवाला दिया, जिनमें से एक को अस्थमा है। उसने कहा कि उसकी गैरमौजूदगी से बच्चे मानसिक तनाव में हैं और पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

पुलिस और पीड़ित पक्ष ने किया विरोध
वहीं पुलिस और पीड़ित पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आरोपी को जमानत दी गई तो वह भाग सकती है और गवाहों को धमका सकती है। पीड़ित ने भी कोर्ट से जमानत न देने की अपील की थी, यह कहते हुए कि आरोपी के बाहर आने से उसे डर, धमकी और नुकसान पहुंचने की आशंका है। लेकिन कोर्ट ने माना कि मुकदमे में समय लगेगा और आरोपी को जेल में रखने से कोई लाभ नहीं होगा। कोर्ट ने आरोपी महिला को 50,000 रुपये के मुचलके और उतनी ही राशि के एक या अधिक जमानती के साथ जमानत दे दी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com