महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के पंढारवड़ा वन, में आदमखोर बाघिन की खोज की जा रही है। वन (वन्यजीवन) के प्रधान मुख्य संरक्षक ने बताया कि हमने अब रणनीति बदल दी है। जहां भी बाघिन के आने की संभावना है, जाल लगाए जाएंगे। हमारा पहला प्रयास बाघिन को शांत करना होगा।
शूटर नवाब शाफथ अली खान का कहना है कि आदमखोर बाघिन को खोजने के लिए हमारा सर्च ऑपरेशन जारी है। हमारे पास सबसे अच्छे उपकरण हैं लेकिन मोटी घास में बाघ को नहीं देखा जा सकता है। साथ ही, समय के साथ वह सीख गयी है कि हमारे दावों से उसे कैसे बचना है और अपने शावकों को कैसे बचाना है। वे अब बहुत गंभीरता से हमला करती है।
गौरतलब है कि पंढारवड़ा में काफी समय से आदमखोर बाघिन का खौफ है। ये बाघिन अब तक कम से कम 13 लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। 5 साल की बाघिन (टी1) का इतना खौफ है कि पंढारवडा और आसपास के गांवों के लोग रात-रातभर जागकर पहरा देते हैं। खौफ के कारण लोग जंगल में जाने से कतराते हैं, जिसके चलते खेती करने और मवेशी पालने वाले लोग खासे परेशान हैं।
इस बाघिन की पहली शिकार एक बुजुर्ग महिला हुई थी, जिसका शव कपास के खेत में मिला था। महिला के शरीर पर बाघ के पंजों के निशान से उसकी मौत के बारे में पता चला था। इसके बाद से ये सिलसिला लगातार जारी है।