महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई में महापौर चुनाव को लेकर एक्टिव हो गए हैं। मुंबई मेयर चुनाव ऐतिहासिक रूप से शिवसेना की राजनीतिक पहचान का केंद्र रहा है। क्योंकि, विभाजित शिवसेना ने 25 वर्षों तक मुंबई महापौर पद पर अपना दबदबा बनाए रखा था। BMC चुनावों से पहले ठाकरे भाइयों के राजनीतिक पुनर्मिलन ने हिंदुत्व vs मराठी प्राथमिकता की जंग छेड़ दी है।
दरअसल, एनडीटीवी मराठी मंच द्वारा आयोजित ‘अजेय महाराष्ट्र’ सम्मेलन के दौरान जब पूछा गया कि क्या शिवसेना इस पद को बरकरार रख पाएगी, तो शिंदे ने कोई दावा पेश नहीं किया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मुंबई के महापौर महायुति से ही होंगे और वह भी दो बार।
एनडीटीवी ने सूत्रों के अनुसार बताया कि भाजपा ने मीरा-भयंदर और ठाणे में शिंदे की शिवसेना को महापौर पद संभालने देने की इच्छा जताई है, लेकिन मुंबई के मामले में कोई समझौता नहीं होगा।
मुंबई महापौर चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे और ठाकरे परिवार के ‘मराठी प्रथम’ के सिद्धांत के बीच होने की संभावना है। शिंदे को शहर में शिवसेना के पारंपरिक वर्चस्व को कायम रखने के बजाय भाजपा के सहायक की भूमिका निभाते हुए देखा जा रहा है।
हमारा एजेंडा स्पष्ट
वहीं, जब एकनाथ शिंदे से ठाकरे परिवार के पुनर्मिलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भी सभी दलों को गठबंधन बनाने का अधिकार है। हमारा एजेंडा स्पष्ट है – विकास और कल्याणकारी योजनाएं। इस दौरान उन्होंने अपनी वैचारिक विरासत पर जोर देते हुए कहा, ‘हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का अनुसरण कर रहे हैं’।
मुंबई महानगर क्षेत्र में महापौर चुनाव को लेकर शिंदे की शिवसेना और भाजपा के बीच तनाव पनप रहा है। शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने अनियंत्रित खरीद-फरोख्त को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण से तीखी बहस की है।
2029 तक बरकरार रहेगा गठबंधन
इधर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा के आत्मविश्वास किया है। उन्होंने गठबंधन को आगे ले जाने की अपनी इच्छा की पुष्टि भी की थी। उन्होंने कहा था कि हम भाजपा को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन गठबंधन 2029 तक बरकरार रहेगा। हम भाजपा को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन गठबंधन 2029 तक बरकरार रहेगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal