महाकुंभ: मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ श्रद्धालु करेंगे अमृत स्नान

उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान प्रयागराज में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है। उसने कहा कि इस सिलसिले में भीड़ और यातायात के कुशल प्रबंधन के लिए व्यापक उपाय किए जा रहे हैं। कुंभ में स्नान सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। वैसे तो मकर संक्रांति से शुरू होकर सभी दिन संगम में डुबकी लगाना पवित्र माना जाता है। फिर भी कुछ विशेष शुभ स्नान तिथियां हैं, जिन्हें ‘अमृत स्नान’ (जिसे पहले शाही स्नान कहा जाता था) के रूप में जाना जाता है।

‘अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखे’
29 जनवरी को मौनी अमावस्या महाकुंभ में तीसरी ऐसी शुभ तिथि होगी। पहले दो दिन 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) और 14 जनवरी (मकर संक्रांति) थे, जबकि अगले महीने तीन और दिन होंगे – तीन फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघ पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि)।

शुक्रवार को एक बयान में राज्य सरकार ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि श्रद्धालु उसी सेक्टर या जोन से वापस लौटें जहां वे पहुंच थे और किसी भी परिस्थिति में श्रद्धालुओं को ‘संगम नोज या अन्य जोन’ में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार ने कहा कि सभी अतिरिक्त जिलाधिकारियों, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों, क्षेत्राधिकारी, उप-मंडल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के लिए निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

सरकार ने दिए ये भी निर्देश
राज्य सरकार ने कहा, ‘‘महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मौनी अमावस्या इस मेले की व्यवस्थाओं का केंद्र बिंदु है। इस वर्ष महाकुंभ को और अधिक भव्य और दिव्य बनाने के योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयासों के बीच प्रयागराज में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है।” सरकार ने कहा, ‘‘श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए 27 से 29 जनवरी तक विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर ‘संगम नोज’ पर आवागमन न्यूनतम करने के निर्देश जारी किए गए हैं।” सरकार ने कहा कि श्रद्धालुओं के आसानी से आगमन और स्नान के लिए 12 किलोमीटर लंबा घाट तैयार किया गया है।

‘वॉच टावर टीम जैसे उपाये किए जाएंगे’
सरकार ने कहा, ‘‘श्रद्धालुओं को अपने प्रवेश बिंदु के सबसे नज़दीकी घाट पर स्नान करने और वहीं से लौटने एवं अन्य क्षेत्रों में नहीं जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। घाटों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए निकासी दल तैनात किए जाएंगे क्योंकि श्रद्धालुओं की सुरक्षित निकासी प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।” सरकार ने कहा कि प्रभावी भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए, कठोर अवरोधों और बैरिकेड्स पर 100 प्रतिशत नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए रस्सियां, ‘लाउड हेलर’, सीटियां, उड़न दस्ते और ‘वॉच टावर टीम जैसे उपाये किए जाएंगे। मकर संक्रांति के पर्व पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया और अब महाकुंभ के सबसे बड़े पर्व मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान करने का अनुमान है।

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