स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में हेडलाइन सीपीआई इन्फ्लेशन औसत 4.7 फीसदी के आसपास रह सकती है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 3.6 फीसदी का आकलन था।
यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन द्वारा लिखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे हिसाब से, हमें अभी भी उम्मीद है कि मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) वित्त वर्ष 2018-19 में नीतिगत दर को यथावत रखेगी। जैन ने हालांकि उल्लेख किया है कि बृहद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अगले 12 महीनों के दौरान नीतिगत दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की जा सकती है।