भारत की आतंकवाद पर रोक लगाने की कोशिशों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल करके अड़ंगा डाला है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। जिसपर चीन ने वीटो लगाते हुए इसे टेक्निकल होल्ड पर डाल दिया है।
यह प्रस्ताव इसलिए पेश किया गया था क्योंकि 14 फरवरी को जैश के आत्मघाती हमलावर ने सीएरपीएफ के एक काफिले पर आतंकी हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव आ गया था। अल कायदा प्रतिबंध समिति के सदस्यों को इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया था। इसकी समयसीमा खत्म होने से पहले चीन ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए टेक्निकल होल्ड पर डाल दिया कि उसे इसकी जांच करने के लिए और समय चाहिए।
पिछले 10 सालों में चौथी बार चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के रास्ते में रोड़े अटकाए हैं। जब इस बारे में पूछा गया तो चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि चीन का फैसला समिति के नियमों के अनुसार है। उन्होंने कहा, ‘पूरी उम्मीद है कि समिति द्वारा की गई कार्रवाई प्रासंगिक देशों को बातचीत और परामर्श में शामिल करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में अधिक जटिल कारकों को जोड़ने से रोकने में मदद करेगी।’
लू ने कहा, ‘1267 समिति में तकनीकी पकड़ के अनुसार हमारी कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए है कि समिति के पास इस मामले का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय होगा ताकि संबंधित पक्षों के पास भी वार्ता और परामर्श के लिए समय हो। सभी पक्षों को स्वीकार्य समाधान ही इस समस्या का स्थायी समाधान होगा। चीन इस मुद्दे को ठीक से संभालने के लिए भारत सहित सभी पक्षों से संवाद और समन्वय के लिए तैयार है।’ बुधवार को भारत ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर चीन के अड़ंगे के प्रति निराशा व्यक्त की थी।