यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. दरअसल, संजय चंद्रा के माता-पिता कोरोना पॉजिटिव हैं और उनका इलाज चल रहा है.

इसी आधार पर संजय चंद्रा को एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई है. होम बॉयर्स केस में संजय चंद्रा तीन सालों से जेल में बंद हैं.
गौरतलब है कि यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा समेत दो लोगों को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लयू) ने 1 अप्रैल, 2017 को गिरफ्तार किया था.
आरोप था कि एक प्रोजेक्ट का पैसा दूसरी कंपनी में निवेश करवाया. एक कंपनी से दूसरी कंपनी में निवेश करवाने के बाद उस पैसे को विदेश भेजा गया.
दरअसल, 29,800 घर खरीदारों ने यूनिटेक कंपनी के पास करीब 14,270 करोड़ रुपये जमा किए थे. साथ ही परियोजनाओं के नाम पर बैंक से लिए लोन में से करीब 40 फीसदी रकम का ही इस्तेमाल परियोजनाओं के लिए हुआ. कंपनी प्रबंधकों ने 60 फीसदी रकम को डायवर्ट कर दिया.
इतना ही नहीं 2007 से 2010 के दौरान कंपनी द्वारा कर चोरी के लिहाज से पनाहगाह माने जाने वाले देशों में बड़ा निवेश किये जाने का पता चलता है.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक लिमिटेड के प्रमोटर्स के खिलाफ मनी लॉड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर 2019 को केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह 2017 के अपने प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है.
कोर्ट के मुताबिक कर्ज में डूबी यूनिटेक लिमिटेड की प्रोजेक्ट्स को किसी विशिष्ट एजेंसी द्वारा अपने हाथों में लेने की तत्काल जरूरत है, ताकि घर खरीदारों के हित में अटकी परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा किया जा सके.
इसके बाद यूनिटेक को टेकओवर करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. हरियाणा कैडर के पूर्व IAS अधिकारी युद्धवीर सिंह मलिक को यूनिटेक का नया सीएमडी बनाया गया है. इससे कंपनी के अटके पड़े प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल सकता है.
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