इंदौर के एमवाय अस्पताल में दो नवजात बच्चियों के शरीर चूहों द्वारा कुतरे जाने और उनकी मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन पेस्ट कंट्रोल कंपनी पर जिम्मेदारी डाल रहा है। कंपनी से पेस्ट कंट्रोल का ठेका छीनने की तैयारी की जा रही है। एलाइजा कंपनी को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इस बार अस्पताल के बजट में कंपनी को 11 करोड़ रुपये देने की तैयारी थी, लेकिन अब उस पर भी संकट गहरा गया है।
आमतौर पर काम प्रभावित न हो, इसलिए अलग-अलग एजेंसियों को हायर किया जाता है, लेकिन एमवाय अस्पताल प्रबंधन एक ही कंपनी पर मेहरबान था। उसे सफाई, पेस्ट कंट्रोल और सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। बताया जाता है कि कंपनी ने स्टाफ भी काफी कम रखा था, जिसके कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही थीं।
डेटा एंट्री ऑपरेटर कम होने से कई बार पर्चियां बनाने के लिए अस्पताल में लंबी कतारें लग जाती थीं। कंपनी अस्पताल बिल्डिंग के कुछ हिस्सों में ही पेस्ट कंट्रोल करती थी, जबकि परिसर में हजारों की संख्या में चूहों के बिल हैं। परिसर से चूहों को भगाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
पेस्ट कंट्रोल से पहले कंपनी ने कभी वार्डों को भी खाली नहीं कराया। आपको बता दें कि “चूहाकांड” के बाद एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो मामले की जांच कर रही है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने अधीक्षक और डीन को हटाने की मांग की है।
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