मध्यप्रदेश में बर्फ जैसी ठिठुरन,पूर्वी इलाकों में पारा 1.7 डिग्री तक लुढ़का

मध्यप्रदेश इस वक्त कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। खासतौर पर प्रदेश के पूर्वी हिस्से जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में ठंड का असर इस सीजन में पहली बार इतना तीखा महसूस किया जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि शहडोल जिले के कल्याणपुर में न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो प्रदेश में इस सर्दी का अब तक का सबसे कम आंकड़ा है। मौसम विभाग का कहना है कि यह ठंड अभी थमने वाली नहीं है। बुधवार को भी प्रदेश में ऐसा ही मौसम बना रहेगा और न्यू ईयर सेलिब्रेशन भी कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच होगा।

कोहरे की मार, 10 से ज्यादा ट्रेनें देरी से दौड़ रहीं
घने कोहरे का असर यातायात पर भी साफ नजर आ रहा है। दिल्ली से भोपाल, इंदौर और उज्जैन की ओर आने वाली मालवा एक्सप्रेस, शताब्दी, सचखंड और कर्नाटक एक्सप्रेस समेत 10 से अधिक ट्रेनें रोजाना लेट चल रही हैं। बुधवार सुबह भी कई ट्रेनों ने अपने तय समय से काफी देरी से स्टेशनों पर पहुंचकर यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी।

जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ ने बढ़ाई सर्दी की धार
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पहाड़ी राज्यों में जारी बर्फबारी और सक्रिय वेस्टर्न डिस्टरबेंस का सीधा असर मध्यप्रदेश में दिख रहा है। मंगलवार को प्रदेश के ऊपर जेट स्ट्रीम की रफ्तार 259 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे रात के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को भी जेट स्ट्रीम के सक्रिय रहने की संभावना है, जिसका असर सर्दी के रूप में देखने को मिलेगा। सुबह के समय घना कोहरा, दिनभर सर्द हवाएं, कोल्ड डे और शीतलहर इन सभी वजहों से प्रदेश के कई इलाकों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

इन जिलों सबसे ज्यादा ठंड

कल्याणपुर (शहडोल): 1.7°Cनौगांव
(छतरपुर): 3°C
उमरिया: 3.1°C
खजुराहो: 4.4°C
राजगढ़: 4.6°C
पचमढ़ी: 4.8°C
मंडला और रीवा में तापमान 5 डिग्री, सतना में 5.2, दतिया में 5.7 और मलाजखंड में 5.8 डिग्री दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री रहा, जबकि इंदौर और ग्वालियर में 6.6 डिग्री, उज्जैन में 9.2 और जबलपुर में 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश के करीब 30 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे ही बना हुआ है।

50 मीटर तक सिमटी विजिबिलिटी
घने कोहरे ने कई जिलों में विजिबिलिटी बेहद कम कर दी। दतिया और खजुराहो में दृश्यता 50 से 200 मीटर के बीच दर्ज की गई। सतना, नौगांव, रीवा, सीधी, मंडला और खरगोन में भी सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ।

रिकॉर्ड तोड़ रही है इस साल की सर्दी
इस सीजन में ठंड लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर रहा। 17 नवंबर की रात भोपाल का पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड में शामिल हो गया। इंदौर में भी 25 साल बाद नवंबर-दिसंबर में तापमान 6.4 डिग्री तक लुढ़का। दिसंबर में भी ठंड का असर लगातार बना हुआ है और कई शहरों में पारा 5 डिग्री से नीचे पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून में जुलाई-अगस्त सबसे अहम होते हैं, उसी तरह सर्दी के लिए दिसंबर और जनवरी निर्णायक महीने हैं। इन दो महीनों में उत्तर भारत से आने वाली सर्द हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश में ज्यादा असर दिखाते हैं। यही वजह है कि दिन और रात दोनों समय तापमान में तेज गिरावट देखने को मिलती है।

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