उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं ने मध्यप्रदेश में ठंड का असर समय से पहले ही बढ़ा दिया है। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में शुक्रवार-शनिवार की रात तापमान सामान्य से काफी नीचे दर्ज किया गया। कई शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा, वहीं राजगढ़ सबसे ठंडा स्थान बना रहा। भोपाल और इंदौर में भी तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई।
कई जिलों में शीतलहर का असर
शनिवार को भोपाल, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, देवास, सीहोर, शाजापुर, सतना और रीवा में दिनभर ठंडी हवाएं चलीं। रविवार को इन क्षेत्रों के साथ पन्ना में भी शीतलहर की स्थिति बनी रहने की संभावना है। 10 नवंबर को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, देवास, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सतना और रीवा के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है।
इंदौर में 25 साल की सबसे कड़क सर्दी
इस बार नवंबर में इंदौर ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। शहर में इतनी ठंड पिछले दो दशकों में नहीं पड़ी थी। नवंबर का ऐतिहासिक रिकॉर्ड 1938 का है, जब तापमान 5.6 डिग्री तक गिर गया था। भोपाल में तापमान 8.4 डिग्री दर्ज हुआ, जो 10 साल में दूसरा सबसे कम स्तर है। ग्वालियर में 10.5°, उज्जैन में 10.4° और जबलपुर में 12.2° तापमान रहा।
लगातार दूसरी रात सबसे ठंडा रहा राजगढ़
राजगढ़ में तापमान लगातार दूसरी रात 7.4 डिग्री पर पहुंचा, जो प्रदेश में सबसे कम रहा। रीवा में 9.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। अन्य शहरों में भी रात का तापमान सामान्य से बहुत नीचे रहा—रायसेन 10°, उमरिया 10.2°, नौगांव 10.7°, गुना 11.2°, सागर 11.6°, रतलाम-दमोह 12.2°, पचमढ़ी 15.4° रहा।
क्यों बढ़ रही है ठंड?
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में जारी बर्फबारी के कारण उत्तरी हवाएं मध्यप्रदेश तक पहुंच रही हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नवंबर की शुरुआत में ही ठंड ने जोर पकड़ लिया है और इसका असर आगे भी जारी रहेगा। रात और तड़के ठंड के साथ हल्का कोहरा भी छाने लगा है। अगले कुछ दिनों में कोहरे की तीव्रता बढ़ सकती है। मंडला में विजिबिलिटी 1–2 किमी तक दर्ज की गई जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में यह 2–4 किमी के बीच रही। रात के साथ दिन में भी ठंड बढ़ने लगी है। शनिवार को अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा। आने वाले दिनों में पारा और गिरने की संभावना जताई गई है।
नवंबर में ठंड और बारिश दोनों का ट्रेंड
पिछले 10 वर्षों में नवंबर में ठंड के साथ हल्की बारिश का सिलसिला भी देखा गया है। इस बार भी ऐसी ही स्थिति बनती दिख रही है। अक्टूबर में भी बारिश औसत से 121% ज्यादा रिकॉर्ड हुई, जबकि भोपाल में 25 वर्षों का सबसे ठंडा अक्टूबर दिवस 24° तापमान पर दर्ज किया गया।
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