कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इस फैसले से न केवल बच्चों बल्कि लाखों अभिभावकों को भी बड़ी राहत मिली है। सरकार ने उनकी चिंताओं को फिलहाल खत्म कर दिया है। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने निर्णय किया है कि राज्य में बच्चों के स्कूल फिलहाल नहीं खोले जाएंगे। राज्य में कोरोना संक्रमण के लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे बच्चों को स्कूल खुलने और उन्हें भेजने को लेकर अभिभावकों में चिंता व्याप्त थी। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने बोर्ड परीक्षाओं और अन्य स्कूली परीक्षाओं को लेकर सरकार की नजरिया स्पष्ट किया।
शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य में 5वीं तक के स्कूल इस सत्र यानी मई तक बंद रहेंगे। वहीं, अगले सत्र से स्कूल खोलने के बारे में निर्णय जल्द होगा। परमार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बोर्ड की परीक्षाएं 30 अप्रैल और एक मई से शुरू हो रही हैं। इसलिए अगले शैक्षणिक सत्र में भी देरी हो सकती है। क्योंकि पूरे मई परीक्षाएं चलेंगी। ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि देरी की वजह से छात्र-छात्राओं को कोई दिक्कत न हो। जहां तक 6वीं से 8वीं की नियमित कक्षाओं को शुरू करने का सवाल है तो इस पर कोरोना महामारी के प्रसार की समीक्षा के बाद निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल इस सत्र में पहली से पांचवीं तक के छात्रों की कक्षाएं बंद रहेंगी।
राज्य मंत्री परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी। इस संबंध में पूरी तैयारी कर ली गई है। इसी तरह 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं सरकारी विद्यालयों में तो ऑफलाइन ली जाएंगी जबकि अगर निजी स्कूल अपनी सुविधानुसार ले सकते हैं। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि विभाग की ओर से निजी स्कूल संचालकों को पूरी छूट दी गई है कि वे यदि संभव है तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में परीक्षा ले सकते हैं। अधिकांश निजी स्कूल संचालकों ने अपने यहां ऑनलाइन पढ़ाई कराई है और वे इसी पैटर्न पर चाहे तो ऑनलाइन परीक्षा ले सकते हैं। यदि इसमें कोई दिक्कत है तो वे ऑफलाइन परीक्षाएं भी आयोजित कर सकते हैं।
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