मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में फर्जी कॉपरेटिव बैंक का लोगों की जमा पूंजी को दो गुना करने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक प्रशासन के छापेमारी के बाद फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। शुरुआती दौर में पता चला है कि फर्जी कोऑपरेटिव बैंक का अकेले ग्वालियर चंबल संभाग में ही 1200 करोड़ रुपये का टर्नओवर था।
ऐसे में प्रशासन ने फर्जी बैंक की शाखाओं को सील कर दिया है साथ ही सिलसिलेवार तरीके से जांच करके बैंक प्रबंधन से जुड़े लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है।
ग्वालियर शहर के घने इलाके दाल बाजार की एक गली में बने मकान की दूसरी मंजिल पर यूनाइटेड को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड का दफ्तर संचालित हो रहा था। इस दफ्तर में बैंक की तरह लेन-देन, ऋण देने और बेरोजगार को व्यापार लगाने के लिए लोन देने का काम हो रहा था।
इस सोसायटी का संचालक विपिन कुमार झा नाम का शख्स बताया जा रहा है जब इसका पता जिला प्रशासन के अफसरों को चला तो प्रशासन की ओर से पुलिस की टीम ने छापेमारी कर कार्रवाई की, जिसके बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए।
जांच में सामने आया है कि फर्जी बैंक की चार शाखाओं में 762 कर्मचारी काम कर रहे थे, जिनमें 614 पुरुष और 148 महिलाएं शामिल हैं। इनमें अनारक्षित सदस्यों की संख्या 649 है, अनुसूचित जाति के सदस्य 69 और अनुसूचित जनजाति के 44 सदस्य हैं।
SDM अनिल बनबारिया ने बताया कि इस फर्जी बैंक की पांच शाखाएं हैं। ग्वालियर जिले में चार हैं, जिनमें डबरा, ग्वालियर शहर, भीतरवार, पीछोर शामिल हैं. वहीं शिवपुरी के दिनारा में भी एक शाखा है।