अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव हैं। इस बीच भारत के वायु प्रदूषण पर अपनी टिप्पणी के लिए, पूर्व उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने और उनके साथी कमला हैरिस ने भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी को गहरा महत्व दिया है। ट्रंप ने जो टिप्पणी की भला कोई मित्र देश के लिए ऐसा कहता है?
इसके अलावा बिडेन ने कहा “ओबामा-बिडेन कार्यकाल भारत और अमेरिका के लिए सबसे अच्छा था। बिडेन-हैरिस प्रशासन इससे भी अधिक करेगा। हम बाजार खोलेंगे और संयुक्त राज्य और भारत दोनों में मध्यम वर्ग का विकास करेंगे, और जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और परमाणु प्रसार जैसी अन्य अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करेंगे।”
बता दें कि ट्रंप ने चीन, भारत और रूस पर ”दूषित वायु से निपटने के लिए उचित कदम ना उठाने का आरोप लगाते हुए, पेरिस जलवायु समझौते से हटने के अमेरिका के कदम को सही ठहराया। नाश्विले के बेलमॉन्ट विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति पद के चुनाव की अंतिम आधिकारिक बहस (प्रेसिडेंशियल डिबेट) के दौरान ट्रंप ने कहा, ” चीन को देखिए, कितना गंदा है। रूस को देखिए , भारत को देखिए, वे बहुत गंदे हैं। हवा बहुत गंदी है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के साथ करीब 90 मिनट चली बहस के दौरान ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन के सवाल पर कहा, ” इस प्रशासन के अधीन 35 वर्षों की तुलना में उत्सर्जन की स्थिति सबसे बेहतर है। हम उद्योग के साथ अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ” पेरिस समझौते से मैंने हमें इसलिए अलग किया, क्योंकि हमें खरबों डॉलर खर्च करने थे और हमारे साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा था।
ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए भारत और चीन जैसे देशों पर बार बार आरोप लगाया है और कहा है कि इन देशों में हवा में सांस लेना नामुमकिन है। ट्रंप ने 2017 में अमेरिका को 2015 पेरिस जलवायु समझौते से खुद को अलग कर लिया था। वहीं, बाइडेन ने कहा कि उनके सत्ता में आने पर वह एक बार फिर अमेरिका को इस ऐतिहासिक पेरिस समझौते का हिस्सा बनाएंगे और प्रदूषण के लिए चीन की जवाबदेही तय करेंगे।
दूसरी ओर, ट्रंप ने लगातार इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत जैसे देशों को ही पेरिस समझौते से फायदा पहुंच रहा है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण के लिए इन देशों को ही सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। राष्ट्रपति ने आरोप लगाया, ” पर्यावरण और ओजोन की बात करें तो हमारी स्थिति काफी बेहतर है। वहीं चीन, रूस, भारत ये सभी देश वायु को दूषित कर रहे हैं। गौरतलब है कि चीन दुनिया को सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है। इसके बाद दूसरे नंबर अमेरिका और फिर इस सूची में भारत और यूरोपीय संघ क्रमश: तीसरे तथा चौथे नंबर पर है। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब नयी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बेहद खराब श्रेणी में है।