कलाकार- जॉन अब्राहम, आयशा शर्मा, मनोज बाजपेई आदि।
निर्देशक- मिलाप मिलन ज़वेरी
निर्माता- भूषण कुमार, निखिल आडवाणी आदि।
रेटिंग- **** (4 स्टार)
हमारे देश में हमेशा से ही एक मसाला फिल्म को संपूर्ण एंटरटेनर माना जाता रहा है, हालांकि पिछले कई समय से बायोपिक और मुद्दों पर आधारित फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार छाई रहीं, लेकिन इस दौड़ में फिल्मकार भूल गए थे कि लाजवाब खाना बनाने के लिए एक ही तरह के मसाले काफी नहीं होते। उसमें हर तरह के मसाले सही मात्रा में डाले जाने चाहिए। इसीलिए कमर्शियल मसाला फिल्मों का भी होना उतना ही जरूरी है। लंबे समय के बाद एक संपूर्ण मसाला फिल्म सत्यमेव जयते के रूप में दर्शकों के सामने आई है। इसमें एक्शन के लिए जॉन अब्राहम हैं। अभिनय के लिए मनोज बाजपेई हैं। आइटम सॉन्ग के लिए नोरा फतेही हैं और भ्रष्टाचार को मिटाने का भारतीयों के दिलों में छुपा एक सपना भी है।
इन सारे चटपटे मसालों को बेहद उचित मात्रा में मिलाकर निर्देशक मिलाप ज़वेरी ने एक संपूर्ण मसालेदार फिल्म बनाई है। सत्यमेव जयते की कहानी में वैसे तो कोई नयापन नहीं है। एक हीरो है, जो अपराध को खत्म करना चाहता है और वह पुलिस ऑफिसर है और दूसरा हीरो है अपराध को खत्म करना चाहता है, वह अपराधी है तो जाहिर तौर पर द्वंद लाजमी है। पुलिस ऑफिसर अपराधी को रोकना चाहता है। लगातार उसे चैलेंज करता रहता है। इसी लुका-छिपी पर आधारित है सत्यमेव जयते। जिस तरह का ट्रीटमेंट और स्क्रीनप्ले में नयापन मिलाप ज़वेरी लेकर आए हैं, उससे इस फार्मूले पर बनने वाली कई फिल्मों से सत्यमेव जयते एकदम अलग खड़ी होती है।
अभिनय की बात करें तो मनोज बाजपेई की सशक्त परफॉर्मेंस फिल्म को अलग स्तर पर ले जाता है, जॉन अब्राहम वीर के रूप में अपने किरदार से पूरी तरह से न्याय करते हैं। आयशा शर्मा भी अपने किरदार में पूरी तरह से फिट बैठती हैं। कुल मिलाकर सत्यमेव जयते एक संपूर्ण मनोरंजक फिल्म है। आप इसका आनंद उठा सकते हैं। इस फिल्म में एक्शन है। अभिनय है। रोमांच है। रोमांस है। आइटम नंबर है और देशभक्ति का जज़्बा भी।