भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ मोहन बोले-राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान के समय खड़ा होना ठीक

मुख्यमंत्री ने सिंगरौली में एसडीएम के महिला से जुतों की लैस बंधवाने पर कहा कि अगर अधिकारी बीमार थे, तो छु्ट्टी पर चले जाते। महिला से जुतों की लैस बंधवाने का चित्र क्या बनेगा? यह उनसे कौन पूछेगा कि वह बीमार है या नहीं है।

मध्य प्रदेश लोकसभा आयोग की 2019 और 2020 की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नियुक्ति पत्र दिए। रविंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने 559 चयनित अभ्यार्थियों के साथ संवाद किया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश गान पर अधिकारियों के खड़े होने पर उनको बैठने का इशारा किया। फिर अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान के समय खड़ा होना ठीक है, लेकिन कोई दूसरा गान  जैसे कोई कॉलेज गान बना दे, मध्यप्रदेश गान के समय खड़ा होना जरुरी नहीं, परंपरा बदली जानी चाहिए। बता दें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर मध्य प्रदेश के गान को राष्ट्रगान की तरह सम्मान देने का संकल्प दिलाया था। मुख्यमंत्री ने सिंगरौली में एसडीएम के महिला से जुतों की लैस बंधवाने पर कहा कि अगर अधिकारी बीमार थे, तो छु्ट्टी पर चले जाते। महिला से जुतों की लैस बंधवाने का चित्र क्या बनेगा? यह उनसे कौन पूछेगा कि वह बीमार है या नहीं है। इसका प्रभाव पूरे समाज पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि हम सस्पेंड नहीं कर रहे हैं, लेकिन वहां से हटा तो देंगे ही। 

यह नियुक्ति पत्र नहीं, विश्वास पत्र है 
एमपीपीएसी में चयनित अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र देते हुए कहा कि भगवान राम को अलग अलग तरह से जाना जाता है। रामराज्य के पथिक बनकर आप आगे जा रहे है। यह नियुक्ति पत्र नहीं यह विश्वास पत्र है। यह आपका अंतिम पड़ाव नहीं है। शासन की किसी मंजूरी की जरूरत होगी तो मैं उसे मंजूर करूंगा। चुनौती के आगे बढ़ना है, उसके आगे सिर नहीं झुकाना है। 

अभ्यार्थियों के प्रश्नों का सीएम ने दिया जवाब 
सवाल- अपनी व्यस्त दिनचर्या कैसे  मेंटेन करते है.

जवाब – मैं डायरी मेंटेन करता हू, उसमें लिखता हूं कि मुझे क्या करना है, किससे मिलता हूं। नवाचार भी करता रहता हूं। आगे क्या करना है इसका भी ध्यान रखता हूं। 

सवाल – आपकी सफलता में किस दोस्त का महत्वपूर्ण योगदान है। 
जवाब – यह बात सही है हम किसी काम को करने जाते है सहयोगी जरूरी होते है। मैंने शुरुआती होटल में काम करते हुए की है। इसके बाद छात्र राजनीति में आया। शुरुआत में जिनसे मित्रता की वे आज भी साथ है। हमारे साथ जुडे सभी लोगों की अच्छाई और बुराई के बारे में भी जानो और उनकी बुराइयों को दूर करो। एक बार दोस्त बना लो तो उन्हें छोड़ो मत। 

सवाल – जनसेवा में किन किन बातों का ख्याल रखना है।  
जवाब -हमारे द्वारा किये गए काम गरिमा बढ़ाने वाला हो। विभाग के दायरे से आगे बढ़कर भी काम करना चाहिए। हम जहां से आये है उन जड़ो का ख्याल रखना चाहिए। अहंकार नहीं पालना चाहिए।

सवाल-पीएससी की तैयार कर रहे अभ्यार्थियों के लिए स्ट्रेस प्रबंधन के लिए क्या करना चाहिए। 
जवाब- एक समय मैंने कहा था कि कलेक्टर मेरे हाथ के नीचे काम करेंगे। इसके बाद मैं य बात भूल गया। 2003 में उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बना तब एडिशनल कलेक्टर रैंक के अधिकारी मेरे नीचे काम किए। 2010 में जब एमपी टूरिज्म बोर्ड का चेयरमैन बना तब इस रैंक के अधिकारी मेरे नीच काम करते थे। जहां हमारा आत्मविश्वास बोले  वही काम करें। परीक्षा पूरी लगन में डूबकर दें।    

सवाल- प्रदेश के विकास के लिए क्या प्राथमिकता होनी चाहिए।
जवाब- विकास की कोई प्राथमिकता नहीं होती है, सभी के समन्वय के साथ विकास करना जरूरी है। 

यह युग नई टेक्नोलॉजी का है 
अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि पीएम मोदी हमारे सामने आगे एक उदाहरण है। नई टेक्नोलॉजी का उपयोग हम सबको करना चाहिए। स्कूल शिक्षा के सिस्टम में हमारे यहां बोर्ड परीक्षा होती है, पास करने वाले सर्टिफिकेट की मान्यता होती है। उज्जैन में एक गुरुकुल है जहां पहले तो बहुत हतोत्साहित किया जाता है, वहां पास होने पर प्रमाण पत्र दिया जाता है। शंकराचार्य पध्दति में उन्हें पढाया जाता है, वहां 100 में से 100 नंबर ही लाने पढ़ते है.. एक नंबर भी कम आया तो भी काम नहीं चलता है।

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