भोपाल मंडल के निशातपुरा में पहली बार शुरू हुई नई सिग्नल प्रणाली

भोपाल मंडल ने रेल सिग्नल प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और तेज बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। भारतीय रेल में पहली बार, भोपाल मंडल के निशातपुरा यार्ड में तकनीक शुरू की गई है, जिसमें सिग्नल ऑपरेशन अब तारों की बजाय ऑप्टिकल फाइबर के जरिए किया जाएगा।

पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने रेल सिग्नल प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और तेज बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। गौरतलब है कि भारतीय रेल में पहली बार, भोपाल मंडल के निशातपुरा यार्ड में ऐसी तकनीक शुरू की गई है, जिसमें सिग्नल ऑपरेशन अब तारों की बजाय ऑप्टिकल फाइबर के जरिए किया जाएगा।

अभी तक थी यह व्यवस्था
अब तक जो सिग्नल प्रणाली चल रही थी, उसमें अलग-अलग तारों के जरिए सिग्नलों को कंट्रोल किया जाता था। पर इसमें समय लगता था, और कई बार खराबी की संभावना भी रहती थी। यह नवीनतम तकनीक ऑप्टिकल फाइबर केबल पर आधारित है, जो पारंपरिक संकेत प्रणाली की तुलना में अधिक तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय मानी जा रही है। नई तकनीक में “लैम्प आउटपुट मॉड्यूल” नाम का एक यंत्र लगाया गया है, जो सीधे कंट्रोल रूम से सिग्नल तक ऑप्टिकल फाइबर के ज़रिए सिग्नल भेजता है।

ऑप्टिकल फाइबर केबल क्या है?
यह एक नई सिग्नल तकनीक है, जिसमें रेलवे ट्रैक पर लगे सिग्नल अब फाइबर लाइन से सीधा कंट्रोल होंगे।
इसमें कोई भारी वायरिंग नहीं होगी, सब कुछ फाइबर के ज़रिए होगा, जिससे सिग्नल तेज़ी से और बिना रुकावट के काम करेगा।

इसका फायदा क्या है?
सिग्नल कभी “ब्लैंक” नहीं होंगे, यानी अगर एक सिग्नल गड़बड़ करे तो भी ट्रेन को सिग्नल का आस्पेक्ट दिखाई देगा।अृ
ट्रेनें ज़्यादा सुरक्षित और समय पर चलेंगी।
सिस्टम के साथ स्वचालित पंखा भी जुड़ा है जो ज़रूरत पड़ने पर खुद चालू होकर मशीन को गर्म होने से बचाता है।
अगर एक लाइन खराब हो जाए तो दूसरी फाइबर लाइन से काम चलता रहेगा – यानी सिस्टम कभी नहीं रुकेगा।
सिग्नल का रख-रखाव आसान और कम खर्चीला होगा|

यह भी पढ़ें-

जून तक पूरे रेलखंड में करेंगे शुरू
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि इस तकनीक की शुरुआत S/SH-15 और S/SH-16 नाम के दो सिग्नलों पर निशातपुरा यार्ड में की गई है। भोपाल से बीना के मध्य रेलखंड पर इस तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। योजना के अनुसार, जून 2026 तक पूरे रेलखंड में यह उन्नत प्रणाली सक्रिय कर दी जाएगी। यह तकनीक आगे चलकर देशभर की रेलवे लाइनों को और सुरक्षित और आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com