मध्यप्रदेश में नेताप्रतिपक्ष के नाम को लेकर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है। नेताप्रतिपक्ष कोन होगा इसका इंतजार दिन प्रति दिन लंबा होता जा रहा है। दरअसल, मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने नेताप्रतिपक्ष को लेकर गेंद पार्टी हाईकमान के पाले में डाल दी है। अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को मिल कर मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता के नाम पर फैसला लेना है। इसीलिए इसमें इतनी देरी हो रही है। जबकि इधर सत्ता पक्ष भाजपा ने 11 दिसंबर को ही अपने विधायक दल का नेता चुन लिया था जिसने मुख्यमंत्री के पद की शपथ भी ले ली है। लेकिन कांग्रेस अभी भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रही है। इसके पीछे एक कारण कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और एआईसीसी के बीच सहमति नहीं बन पाने को भी बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कमलनाथ अब विदेश यात्रा पर निकल गए हैं। अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक कांग्रेस नेताप्रतिपक्ष का चुनाव कर पाती है।
एक लाइन का पास हुआ था प्रस्ताव
भोपाल कांग्रेस मुख्यालय में विधायक दल की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह की मोजुदगी में 60 विधायकों ने ये एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया था कि नेताप्रतिपक्ष के नाम का चयन पार्टी आलाकमान ही करे। रामनिवास रावत ने ये प्रस्ताव रखा था और हीरा अलावा ने इसका समर्थन किया था। बैठक की खास बात यह थी कि कमलनाथ और छिंदवाड़ा के सभी विधायक इस बैठक में अनुपस्थित थे।
इनके नाम पर चर्चा
इधर, नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए कांग्रेस विधायकों में रेस लगी हुई है। इनमें आदिवासी वर्ग से विधायक ओमकार सिंह मरकाम, बाला बच्चन और उमंग सिंगार के नाम शामिल हैं। वहीं ओबीसी वर्ग से रामनिवास रावत के नाम की चर्चा है। सामान्य वर्ग से आने वाले अजय सिंह राहुल भैया भी इस दौड़ में शामिल हैं। अजय सिंह इसके पहले भी दो बार नेताप्रतिपक्ष रह चुके हैं। बाला बच्चन एक बार उप नेताप्रतिपक्ष रह चुके हैं।
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