दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि एड्स, एचआइवी पीड़ित रोगियों से भेदभाव रोकने के लिए बनाए गए कानून की अधिसूचना जारी क्यों नहीं हुई है? मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रक संगठन (नाको) को नोटिस जारी कर 26 नवंबर तक जवाब मांगा है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि कानून बनाया, लेकिन उसे लागू क्यों नहीं किया?
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा शेबानी वर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि एड्स व एचआइवी से पीड़ितों के लिए बनाया गया कानून लागू नहीं हुआ और इससे उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। बता दें कि इस कानून में स्वास्थ्य, नौकरी और पढ़ाई सहित कई मसलों में राहत का प्रावधान है।
याचिका में मांग की गई है कि कानून को तुरंत प्रभाव से लागू कराने के साथ ही केंद्र सरकार से पूछा जाए कि एक साल पहले बन चुके कानून को लागू क्यों नहीं किया गया है? इस याचिका पर अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।