जी हां… ये हैं कर्मफल दाता शनि देव। सूर्य पुत्र शनि देव के समझ जब भी जाएं तो हाथ कभी ना जोड़ें। शास्त्रों में दर्ज जानकारी के अनुसार शनि देव की अराधना करने और उन्हें प्रसन्न करने से जीवन की रुकावटें खत्म होती हैं। लेकिन अगर ठीक तरीके से उनकी अराधना ना की जाए तो भक्त उनकी क्रूर दृष्टि का शिकार भी हो जाता है। दुनिया भर के धर्मों में भगवान के सामने आने का और उन्हें नमन करने का तरीका अलग-अलग है। हिन्दू धर्म में हाथ जोड़कर नमन करने की प्रथा है। ऐसा सभी देवी-देवताओं के समझ जाकर किया जाता है। सीधे खड़े रहकर या नीचे बैठकर हाथ जोड़कर प्रार्थना की जाती है, लेकिन एक देव ऐसे हैं जिनके सामने प्रार्थना करते हुए कभी हाथ नहीं जोड़ने चाहिए।

बताए गए नियमों के अनुसार शनिदेव के मंदिर में कभी भी सूर्य की रोशनी में ना जाएं। सूर्य उदय होने से पहले या अस्त होने के बाद ही शनि मंदिर में जाएं।
जब मंदिर में शनि देव की मूर्ति के सामने जाएं तो हाथ ना जोड़ें।
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कहते हैं ऐसा करने से भक्त को उनकी वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है। हाथ जोड़ने के स्थान पर उनके सामने सिर झुकाकर खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को कमर के पीछे ले जाकर बांधकर नमन करें।
ऐसा करने के बाद शनिदेव से अपने बुरे कर्मों की क्षमा मांगें और यह भी कहें कि जो काम उन्हें नहीं पसंद वे आप कभी नहीं करेंगे। शास्त्रों के अनुसार शनिदेव को वचन निष्ठ और ईमानदार भक्त पसंद हैं लेकिन जो उनकों दिए हुए वचन का पालन नहीं करता उसे वे दण्ड भी देते हैं।
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