अापने अपने घर के बड़े बुर्जुगों को कहते हुए सुना होगा कि महिलाओं को तीज-त्योहार पर 16श्रृंगार करना चाहिए.16 श्रृंगार करना से महिलाओं की खूबसूरती को ही नहीं बल्कि उनकी किस्मत में भी चार चांद लग जाते हैं. लेकिन इन सभी श्रृंगारों में कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें इस्तेमाल महिलाओं को कभी गलती से भी नहीं करना चाहिए,वरना भोगना पड़ जाता है माता लक्ष्मी का प्रकोप.
सबसे पहले महिलाओं के श्रृंगार में सिंदूर और बिंदी लगाने की परंपरा हैं. सिंदूर व बिंदी के बिना महिलाओं का श्रृंगार अधूरा माना जाता है. जब भी महिलाओं सजने संवरने क दौरान सिंदूर लगाती हैं तो कोई कोई महिला उस सिंदूर की बिंदी भी अपने माथे के बीच में लगा लेती हैं.
गजरे और मांग टीके का रिवाज धीरे -धीरे खत्म होता जा रहा है,महिलाएं केवल शादी ब्याह में गजरे व मांग टीके का उपयोग करती हुई दिखती है. लेकिन जानकारी के लिए बता दे कि कि नई नवेली दुल्हन को मांग टीका सिर के बीच में इसलिए पहनाया जाता है ताकि वह अपनी जीवन को सीधे व सही रास्ते पर लेकर चले.
पुराने समय में महिलाओं का नथ पहनना बेहद ही जरूरी बताया जाता था,परंतु मॉडम युग में केवल छोटी सी ही नोजपिन पहनती हैं.
मंगल सूत्र के बारे में बताया जाता है कि सुहगिन महिलाओं का ये सबसे अहम व पवित्र गहनों में से एक माना जाता है. मंगसूत्र शादीशुदा महिला के पति के प्रति व वचनवद्धता का प्रतीक होता है.
सगाई के दौरान वधू एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं . शादी से पहले जीवनसाथी को अंगूठी पहनना आपसी प्रेम व विश्वास का प्रतीक कहा जाता है.
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