नकदी संकट से जूझ रही दीवान हाउसिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) ने भुगतान के मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं। इस गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) ने गुरुवार को कहा कि वह अपने कर्जदाताओं को एकदम निकट भविष्य की देनदारियों का भुगतान नहीं कर पाएगी। शेयर बाजारों को दी जानकारी में कंपनी ने कहा कि जिन कर्जदाताओं ने इंटर-क्रेडिटर एग्रीमेंट (आइसीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, उनके साथ समाधान योजना पर बातचीत चल रही है। इस बातचीत के मद्देनजर कंपनी निकट भविष्य में आइसीए से सहमत कर्जदाताओं को भुगतान में विफल हो सकती है।
कंपनी ने यह भी कहा कि वह पिछले वर्ष सितंबर से नकदी का संकट ङोल रही है। इसके बावजूद उसने अब तक 41,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकता कर दिया है। यह रकम संपत्तियों की बिक्री के अलावा ग्राहकों द्वारा चुकाए गए कर्जो से जुटाई गई है। डीएचएफएल ने अपने बयान में कहा कि वह अपनी सभी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ऐसी समाधान योजना पर पहुंचने के हरसंभव उपाय कर रही है, जो सभी साझेदारों के सर्वोच्च हित में हो। कंपनी के मुताबिक उसके ज्यादातर कर्जदाता आइसीए के क्रियान्वयन पर सहमत हो गए हैं।
कंपनी का एक डिबेंचर ट्रस्टी कैटलिस्ट ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड भी आइसीए का हिस्सा बनने के लिए डिबेंचरधारकों से सहमति लेने की प्रक्रिया पर काम कर रहा है। गौरतलब है कि इसी सप्ताह मंगलवार को कंपनी ने कहा था कि उसके किसी भी कर्जदाता को मूलधन पर किसी तरह की कटौती का दंश नहीं ङोलना पड़ेगा। कंपनी पर इस वक्त 90,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और वह पिछले कुछ महीनों के दौरान कई भुगतान पर सिलसिलेवार रूप से डिफॉल्ट कर चुकी है।