भीकनगांव के घंटी वाले मंदिर में लगी भक्तों की भीड़

भीकनगांव से 10 किमी दूर पोखर बुजुर्ग स्थित घंटी वाले मंदिर के नाम से प्रसिद्ध सेवरीधाम के मोती बाबा देव स्थान में रविवार को बड़ी संख्या में भक्त मन्नत लेने और उतारने पहुंचे। मंदिर परिसर में लगभग 650 छोटी, 7 बड़ी घंटी और 4 बड़े घंटे लगे हैं, इनका वजन 3 से 52 किलो तक है। करीब 2500 घंटियां निकालकर नीचे रखी हुई हैं। खास बात यह है कि पुजारी या चौकीदार नहीं होने के बावजूद यहां से कभी एक भी घंटी चोरी नहीं गई। यह स्थान प्रदेश के पचमढ़ी के चौरागढ़ की तरह ही है, जहां मंदिर में त्रिशूल चढ़ाने की परंपरा है।

के नाम से शेषावतार नागदेवता का यह मंदिर है। इस मंदिर में भाद्रपद की चतुर्दशी पर सैकड़ों भक्त पहुंचते हैं। सुबह से मंदिर में पूजन-अभिषेक के साथ सैकड़ों चूल्हों पर भक्त ही देशी घी से हलवा प्रसादी तैयार कर रहे हैं। भगवान के दर्शन कर श्रद्धालु मन्नत मांगते रहे हैं। मंदिर परिसर में लगे पवित्र फीफर (पीपल और गूलर प्रजाति का पेड़) की परिक्रमा कर रहे हैं। मन्नत पूरी होने पर हलवा प्रसादी बनाकर ग्रहण कर अपनी घंटी बांध रहे हैं। खास बात यह है कि हलवा प्रसादी भक्तों को यहीं खाना होती है। वे इसे साथ में नहीं ले जा सकते।

आस्था का प्रतीक

मंदिर समिति अध्यक्ष लोकेन्द्रसिंह राठौर बताते हैं कि इस स्थान के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। मंदिर में घंटी चढ़ाने का क्रम बरसों से चल रहा है। श्रद्धालु प्रदीपसिंह चौहान ने बताया कि परिसर में जगह न होने तथा मंदिर में लगे एंगल द्वारा भारी वजन सहन न कर पाने के कारण अब 2500 छोटी-बड़ी घंटियां निकाल कर रख दी गई हैं। नीचे रखी इन घंटियों का वजन लगभग 25 क्विंटल है।

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