रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की मिसाइल प्रणालियों, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) और अन्य हथियार प्रणालियों सहित मिसाइलों, हेलीकाप्टरों, टैंकों और आर्टिलरी गनों की आपूर्ति करने के लिए तैयार है.
बंगलुरु में एयरो इंडिया शो के दूसरे दिन रक्षा मंत्रियों के कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न प्रकार के मिसाइल सिस्टम, एलसीए हेलाकॉप्टर, युद्धपोत और पेट्रोलिंग जहाज, टैंक, रडार, सैन्य वाहन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली IOR देशों को सप्लाई करने के लिए तैयार है.
उन्होंने प्रोजेक्ट मौसम, सागरमाला और एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर की बात करते हुए बताया कि भारत ने इन प्रोजेक्ट द्वारा IOR देशों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा दिया है. उन्होंने आगे कहा कि भारत समुद्र में पड़ोसी देशों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहता है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में पड़ोसी देशों की मदद का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी ऑपरेशन सागर-1 के माध्यम से हमने अपने पड़ोसी देशों मोरिशियस, मालदीव, मडागास्कर, सेशेल्स और कोमोरोस तक चिकित्सा टीमों, एचसीक्यू, रेमेडिसविर और पेसासिटामोल पहुंचाई. इसके साथ ही कई चिकित्सा आपूर्ति में भी सहायता की.
उन्होंने कहा कि सभी IOR देश तालमेल बनाकर क्षेत्र में सुरक्षा के साथ-साथ अर्थव्यवस्था, व्यापार, नौसैनिक सहयोग को भी उच्च स्तर तक ले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में भू-राजनैतिक तौर पर वह विश्वसनीय भागीदार है. सिंह ने कहा कि हम चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक परिदृश्य में रहते हैं जहां देशों को ना केवल सैन्य आक्रामकता का खतरा है बल्कि पिछले एक साल में तबाही मचाने वाली कोविड-19 जैसी महामारी समेत प्राकृतिक आपदाओं के खतरे का भी सामना करना पड़ा है.
एयरो इंडिया में वायु सेना प्रमुखों के सम्मेलन के शुरुआती सत्र में रक्षा मंत्री ने कहा था कि इसलिए हम कई आयामों पर खतरे का सामना कर रहे हैं. देशों के लिए यह जरूरी है कि वे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर सहयोगात्मक दृष्टिकोण साझा करते हुए अपने संबंध मजबूत बनाएं. उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक रूप से भारत एक विश्वसनीय भागीदार है और क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के तौर पर भूमिका निभा सकता है.