प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित हुए इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद, कोरोना महामारी और आत्मनिर्भर भारत समेत कई मुद्दों पर बात रखी और कहा कि हमारी क्षमताएं पूरे विश्व की भलाई के काम आ सकती हैं।

मोदी ने आतंकवाद और आतंकवादियों को समर्थन देने वालों को बराबर का दोषी बताते हुए कहा कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि आतंकियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत अपने देश में एक व्यापक सुधार प्रक्रिया शुरू की है। हमारा यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि भारत वैश्विक वैल्यू चेन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान इस भरोसे पर आधारित है कि कोविड-19 के बाद स्वयं पर निर्भर हो चुका भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम भूमिका निभा सकता है और अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
भारत की क्षमताओं को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उदाहरण पूरी दुनिया ने कोविड-19 के दौरान देखा था, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमताओं के कारण ही 150 से अधिक देशों तक हम आवश्यक दवाइयां पहुंचा पाए थे। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलिवरी क्षमता भी ऐसे ही मानवता के काम आएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2021 में ब्रिक्स के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पिछले सालों में हमारे विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकर करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं। उन्होंने कहा, 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम ब्रिक्स के तीनों स्तंबों में अंतर-ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
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