देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति और कोविड वैक्सीन की आपात मंजूरी और उसके वितरण के तैयारी के बारे में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस हफ्ते ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीआरआइ) ने भारत में एक और कंपनी के टीके के लिए क्लीनिकल टेस्ट की मंजूरी दे दी है। जेनोआ कंपनी ने भारत सरकार की अनुसंधान एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की मदद से एक वैक्सीन विकसित की है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक फाइजर वैक्सीन जैसी ही है। इस समय देश में कुल छह वैक्सीन क्लीनिकल टेस्ट से गुजर रही हैं।

सामान्य फ्रिज में वैक्सीन का हो सकेगा प्रयोग
डॉ पॉल ने कहा ने कहा कि फाइजर वैक्सीन या कुछ अन्य के विपरीत यह वैक्सीन यदि अस्तित्व में आती है तो इसे एक सामान्य फ्रिज में सामान्य कोल्ड चेन स्थितियों में बनाए रखने योग्य होगी। इस समय छह टीके इस देश में क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहे हैं। डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमें यह जानकर खुशी है कि दिल्ली ने कोरोना के मामले में प्रगति की है। हम दिल्ली सरकार के साथ-साथ अन्य सरकारों को भी बधाई देते हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने में योगदान देने के लिए अच्छा काम किया। कई ऐसे राज्य हैं, जहां हमें अभी भी चिंता है। हम उत्तराखंड, नागालैंड और हिमाचल प्रदेश के सरकार और नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।
टीकाकरण क बाद हो सकता है प्रतिकूल प्रभाव
वहीं, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोरोना के लिए टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाएं एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जब हम एक यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम करते हैं तो बच्चों और गर्भवती महिलाओं में टीकाकरण के बाद कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब कोरोना टीकाकरण शुरू होगा तो हम किसी प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है विशेष रूप से ब्रिटेन में पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुईं। इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र इसके लिए भी तैयारी करें।
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