भारत में स्टीकर और पॉलिश लगे फल बेचने पर दो लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान: फूड सेफ्टी स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया

फलों को चमकाने के लिए की जाने वाली मोम की कोटिंग और स्टीकर लगे फल बेचने पर मनाही है। फूड सेफ्टी स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने ऐसा करने वालों पर जुर्माना और कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। मगर जनपद में फल विक्रेता धड़ल्ले के साथ पॉलिश हुए और स्टीकर लगे फल बेच रहे हैं। स्टीकर लगे फल बेचने पर दो लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

फलों खासकर ऐसे फल जिनको छिलके के साथ खाया जाता है उनको पॉलिश करके या स्टीकर लगाकर नहीं बेचा जा सकता। क्योंकि इससे फल की नैचुरैलिटी खत्म होने का खतरा रहता है। जानकारों की मानें तो पॉलिश हुए या स्टीकर लगे फलों का सेवन बिना धुले करने से वह सेहत बिगाड़ सकते हैं।

एसबीडी जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉक्टर कुनाल जैन का कहना है कि पॉलिश हुए फल खरीदने से बचना चाहिए। उनका कहना है कि कुछ फलों पर मोम की पॉलिश रहती है, जिसको करने का मकसद फल को चमकाना होता है। कुछ लोग कहते हैं कि इससे फल की लाइफ बढ़ती है जो गलत है।

एफएसएसएआई ने पॉलिश हुए और स्टीकर लगे फलों की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हुए हैं। इसके बावजूद जनपद में धड़ल्ले के साथ पॉलिश हुए और स्टीकर लगे तमाम फल बेचे जा रहे हैं, जिन पर कार्रवाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

एफएसएसएआई ने हिदायत दी हुई है कि इस तरह के स्टीकर लगाकर फल और सब्जी विक्रेता ग्राहकों के साथ धोखा करते हैं। स्टीकर, ब्रांडेड, ओके, बेस्ट क्वालिटी के प्रोडक्ट के नाम लिखकर ग्राहकों को भ्रमित किया जाता है।

स्टीकर लगाने के लिए विक्रेता जिस गोंद का प्रयोग करते हैं उसमें केमिकल का प्रयोग किया जाता है। केमिकल्स की वजह से पेट की बीमारियां पैदा हो सकती हैं।

वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर संजीव मिगलानी की सलाह है कि कोई भी फल और सब्जी हो उसको अच्छे से धुलने के बाद ही सेवन करना चाहिए।

जिन फलों पर पॉलिश होने की आशंका है उनको गुनगुने पानी में धुलने के बाद ही खाएं। जहां स्टीकर लगा हुआ हो वहां से काटकर फेंक दें।

फलों या सब्जियों को पॉलिश कर या स्टीकर लगाकर नहीं बेचा जा सकता। ऐसा करने से फल या सब्जी की नैचुरैलिटी खराब होने का खतरा रहता है। साथ ही यह सेहत भी बिगाड़ सकते हैं।

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