केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने भारत में हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं (एचईएमएस) के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस पहल से जल्द से जल्द आपातकालीन चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित होगी।
ओडिशा और मध्य प्रदेश भी दिखा रहे प्रोजेक्ट में रुचि
इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के हेलीपैड पर एक साल की अवधि के लिए एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जाएगी। हेलीकॉप्टर में एक स्ट्रेचर और आवश्यक चिकित्सा उपकरण होंगे। 100 समुद्री मील की दूरी तक एक से दो चिकित्सा कर्मियों के साथ एक मरीज के परिवहन की सुविधा होगी। ओडिशा और मध्य प्रदेश भी इसी तरह की सेवाओं में रुचि दिखा रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी प्रोजेक्ट की जानकारी
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि भारत की पहली हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (एचईएमएस) उत्तराखंड से शुरू की जाएगी।
क्या है हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा?
दरअसल, हेलीकॉप्टर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में तैनात किया जाएगा, जहां से इसे 150 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी भेजा जा सकेगा। ताकि दुर्घटना का शिकार हुए किसी भी व्यक्ति तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जा सके।