ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) से कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत जल्द मिलने के संकेत साथ ही सरकार इसके वितरण की व्यापक व्यवस्था करने में जुट गई है। दो जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकाकरण की संपूर्ण व्यवस्था का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया जाएगा। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को चार राज्यों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया था। बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से गुरुवार को आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए डीसीजीआइ डॉक्टर वीजी सोमानी ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की एक-दो दिनों में इजाजत मिलने का संकेत देते हुए कहा कि शायद हम नए साल का स्वागत खाली हाथ नहीं करेंगे।
भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट और फाइजर ने डीसीजीआइ के सामने अपनी-अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी है। विषय से संबंधित स्वतंत्र विशेषज्ञों की समिति (एसईसी) की बुधवार को हुई बैठक में सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से दिए गए वैक्सीन के ट्रायल के डाटा पर विचार किया गया। अब शुक्रवार को यानी नए साल के पहले दिन एसईसी की फिर बैठक बुलाई गई है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें सीरम की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे दी जाएगी। ब्रिटेन पहले ही इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे चुका है। सीरम इंस्टीट्यूट अभी तक अपनी वैक्सीन की 7.5 करोड़ डोज तैयार कर चुका है। कंपनी ने जनवरी के पहले सप्ताह तक 10 करोड़ डोज तैयार करने का दावा किया है।
स्वास्थ्य सचिव ने लिया तैयारियों का जायजा
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिये सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की और वैक्सीन लगाने के पूर्वाभ्यास के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। यह पूर्वाभ्यास सभी राज्यों की राजधानी में कम-से-कम तीन साइटों पर होगा। कुछ राज्य इसमें दुर्गम इलाकों को भी शामिल करेंगे।
एप की सटीकता को भी परखा जाएगा
पूर्वाभ्यास के दौरान टीकाकरण के लिए तैयार को-विन प्लेटफॉर्म और एप की सटीकता को भी परखा जाएगा। पूर्वाभ्यास में भी वैक्सीन को कोल्ड स्टोरेज से लेकर साइट पर ले जाने और लाभार्थियों का पूरा विवरण इस प्लेटफॉर्म पर अपलोड होगा। इससे इस प्लेटफॉर्म की कमियों की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सकेगा। राज्यों को पूर्वाभ्यास की साइटों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इनमें पर्याप्त जगह, सामान की आवाजाही के लिए पर्याप्त सुविधा, बिजली और सुरक्षा के इंतजाम शामिल हैं। वैक्सीन देने के लिए पूरे देश में 96 हजार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
इन कंपनियों ने मांगी टीका लगाने की आपात अनुमति
बता दे कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और फाइजर ने डीसीजीआई के समक्ष आवेदन दिया है कि उनके टीके के आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए। ये कंपनियां अनुमति मिलने की प्रतीक्षा कर रही हैं। सोमानी के मुताबिक, महामारी के मद्देनजर आवेदकों को अनुमति प्रद्रान करने की पक्रिया तेजी से चल रही है तथा साथ ही पूरे डाटा की प्रतीक्षा किए बिना ही पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों को अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि डाटा की सुरक्षा या इसके कारगर होने के संदर्भ में कोई समझौता नहीं किया गया है। सिर्फ यह बात है कि नियामक ने आंशिक डाटा को स्वीकार किया है।
एक जनवरी को फिर से होगी बैठक
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञों की समिति ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आग्रह और कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को अनुमति देने के भारत बायोटेक के आग्रह पर विचार करने के लिए बुधवार को बैठक की तथा अब यह समिति एक जनवरी को फिर से बैठक करेगी। कोविड-19 संबंधी विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा सौंपे गए अतिरिक्त विवरण का विश्लेषण किया।
दो जनवरी को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ड्राई रन
केंद्र सरकार ने देश के चार राज्यों में किए गए कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन की सफलता के बाद अब दो जनवरी को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ड्राई रन करने का फैसला किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन की पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।
जानें- क्या होता है ड्राइ रन, कैसे होती है इसकी प्रक्रिया
1. यह एक मॉक ड्रिल होती है। टीके को छोड़कर सभी चीजों का परीक्षण किया जाता है। डेटा को को-विन ऐप में फीड किया जाएगा, कोल्ड स्टोरेज का परीक्षण किया जाएगा, कोल्ड स्टोरेज से साइटों तक टीकों के परिवहन, साइटों पर ट्रैफिक प्रबंधन की जाँच की जाएगी।
2. टीकाकरण के लिए, जितनी संभव हो उतनी साइटों का उपयोग किया जाएगा। इसलिए, ड्राय रन भी सभी विभिन्न सेटिंग्स – जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों या प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, शहरी स्थल, निजी स्वास्थ्य सुविधा और ग्रामीण आउटरीच में आयोजित किया जाएगा।
3. अभ्यास का उद्देश्य चुनौतियों की पहचान करना और योजना में आवश्यक परिवर्तन करना है ताकि अंतिम प्रक्रिया में कोई गलती न हो जाए।
4. कार्यक्रम प्रबंधकों को हाथों-हाथ अनुभव मिलेगा कि विभिन्न स्तरों पर सब कुछ कैसे होगा।
5. मॉक ड्रिल में ब्लॉक और जिला स्तरों पर समवर्ती निगरानी और समीक्षा, राज्य और केंद्र के साथ साझा किए जाने वाले फीडबैक की तैयारी शामिल होगी।