2007 में विश्व कप का नौवां सीजन खेला गया, जिसकी मेजबानी वेस्टइंडीज ने की। 13 मार्च से 28 अप्रैल तक चले इस टूर्नामेंट में कुल 16 टीमों ने हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर विश्व कप का खिताब चौथी बार अपने नाम किया जबकि खिताबी जीत की हैटिक भी लगाई। उसने इससे पहले 1987 में भी खिताब जीता था।
भारत के लिए यह टूर्नामेंट बेहद निराशाजनक रहा और ग्रुप स्तर से आगे नहीं बढ़ पाया। ग्रुप स्तर में कड़े मुकाबले के बाद हर ग्रुप से शीर्ष दो टीमों ने ‘सुपर-आठ’ में अपनी जगह पक्की की फिर बाद में शीर्ष-चार टीमें ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका पहुंची थी।
फिर चोकर साबित हुई साउथ अफ्रीका
पहले सेमीफाइनल में श्रीलंका ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 289 रन बनाए। जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 41.4 ओवरों में 208 रनों पर ऑलआउट हो गई और श्रीलंका ने मैच को 81 रनों से अपने नाम किया।दूसरे सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका की टीम 43.5 ओवरों में 149 रनों पर ढेर हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने इस आसान लक्ष्य को 31.3 ओवरों में तीन विकेट पर 153 का स्कोर करके हासिल किया।
ऑस्ट्रेलिया ने लगाई हैट्रिक
फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का सामना श्रीलंका से बारबाडोस के मैदान पर हुआ। बारिश से बाधित इस मैच को 50 से घटाकर 38-38 ओवरों का कर दिया गया। ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट पर 281 रन बनाए। दूसरी पारी में एक बार बारिश शुरू हो गई जिसके चलते श्रीलंका को 36 ओवर में 269 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला। श्रीलंका की टीम 36 ओवरों में आठ विकेट पर 215 रन ही बना सकी और ऑस्ट्रेलिया को डकवर्थ-लुइस के आधार पर 53 रनों से विजेता घोषित किया गया। गिलक्रिस्ट (149) को ‘मैन ऑफ द मैच’ दिया गया। हालांकि इस मैच में गिलक्रिस्ट ने अपने दस्तानों में स्कवाश गेंद लगाकर बल्लेबाजी की थी जो चर्चा के केंद्र में रही। शतक के बाद उन्होंने अपने पवेलियन की ओर स्कवाश गेंद का इशारा भी किया था।
कोच बॉब वूल्मर की मौत
विश्व कप में पाकिस्तानी कोच बॉब वूल्मर की मौत ने भी काफी तूल पकड़ा था। एक ही ग्रुप में पाकिस्तान और आयरलैंड थे लेकिन पाकिस्तान की टीम को आयरलैंड से हार ङोलनी पड़ी थी जिसके बाद कोच सहित टीम की काफी किरकरी हुई थी। हार के बाद वूल्मर का मृत शरीर होटल में पाया गया था।
भारत के बाहर होने से मचा हाहाकार
इस विश्व कप में राहुल द्रविड़ की कप्तानी वाली भारतीय टीम को पहले ही दौर से बाहर होना पड़ा। यह राहुल और गांगुली का आखिरी विश्व कप था। भारत के ग्रुप में बरमूडा, श्रीलंका और बांग्लादेश थे। सभी को लगा कि भारतीय टीम आसानी से अगले दौर में पहुंच जाएगी। बांग्लादेश ने भारत को पांच विकेट से चौंकाया था। फिर श्रीलंका ने 69 रन से हराकर टीम इंडिया को बाहर कर दिया। भारत में नाराज प्रशंसकों ने खिलाड़ियों के पुतले जलाए और उनके घरों पर पत्थरबाजी की थी। कोच ग्रेग चैपल की भी खूब फजीहत हुई। टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों ने उस समय चैपल के कारण भारतीय क्रिकेट का काला समय घोषित किया था। चैपल से विवाद के कारण टीम एकजुट नहीं थी, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा था। इस दौरान भारत ने अपने ग्रुप में तीन मैचों में से सिर्फ एक में जीत हासिल की जो उसे बरमूडा पर 257 रनों से मिली थी। चैपल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।