भारत ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान के ढुलमुल रवैये के कारण मुंबई और पठानकोट आतंकी हमलों के पीडि़तों को अब तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। आतंकवाद से पीडि़त लोगों के मित्र संगठन से दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की पूर्व सचिव विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि वर्ष 2008 में मुंबई और 2016 में पठानकोट में हुए आतंकी हमलों के पीडि़त अभी न्याय की राह देख रहे हैं।
दोनों हमलों के दोषियों को पाकिस्तान के आतंकी समूहों से बढ़ावा मिला और इस संबंध में दिए गए सुबूतों पर पाकिस्तान ने कार्रवाई करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। आतंकवाद पीड़ितों के मित्र संगठन की शुरुआत पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने की थी। भारत सहित 24 देश इसमें शामिल हैं। भारतीय राजनयिक ने कहा कि अपने मंसूबों में सफलता न मिलती देख आतंकी खूनी खेल खेलते हैं और कोरोना महामारी के इस दौर में भी आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है।
भारत 1996 से लगातार अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि के तहत यूएन से आतंकवाद की परिभाषा तय करने की मांग कर रहा है। वैश्विक बिरादरी में अभी तक सहमति न बन पाने की वजह से अभी तक भारत की ये मांग पूरी नहीं हो पाई है। भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान को मुंबई और पठानकोट आतंकी हमले को लेकर कई बार डोजियर दिया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद वो कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
गौरतलब है कि 2014 के बाद से पीएम मोदी कई देशों की यात्रा और वैश्विक शिखर सम्मेलनों के दौरान कह चुके हैं कि आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है। अच्छे या बुरे आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं होती। भारत सरकार,आतंकवाद की एक निश्चित वैश्विक परिभाषा तय करने को लेकर कोशिश कर रही है।
पाकिस्तान की गिलगिट-बाल्टिस्तान अवैध कब्जे को चुनाव से छिपाने की कोशिश : भारत
पाकिस्तान के गिलगिट, बाल्टिस्तान में अगले महीने चुनाव की घोषणा करने पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। भारत ने कहा कि गुलाम कश्मीर पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। इसलिए उसे वहां पर ऐसी कोई बनावटी कवायद करने का अधिकार ही नहीं है। वह इस अवैध कब्जे को चुनाव की चादर से छिपाने का नाटक कर रहा है।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी करके कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में चुनाव कराने और गुलाम कश्मीर में मानवाधिकार हनन के मामलों से पाकिस्तान को कुछ हासिल नहीं होगा। पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में 15 नवंबर को एसेंबली इलेक्शन कराने की घोषणा की है। भारत ने अपना स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि देश के विभाजन के समय से गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र भारत के जम्मू-कश्मीर व लद्दाख प्रांत का अभिन्न हिस्सा है।