जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आंतकी हमले के पांच दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रेस कान्फ्रेंस करके कहा कि हिंदुस्तान की सरकार पुलवामा हमले को लेकर बिना किसी सबूत के पाकिस्तान के ऊपर इल्जाम लगा रही है. पाकिस्तान क्यों करेगा आतंकी हमला, इससे हमें क्या फायदा. अगर भारत की सरकार हमें कोई सबूत देगी तो हम इस मसले पर जांच करने के लिए तैयार हैं. इमरान को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को भाषण नहीं आतंकी मसूद अजहर को पकड़कर दो.
अमरिंदर ने कहा कि आपके पास जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर है जो बहावलपुर में बैठा है. आईएसआई की मदद से आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है. जाओ उसे वहां से उठाओ और भारत के हवाले करो यदि आप नहीं कर सकते हैं तो हमें बताइये. मुंबई के 26/11 हमले के सबूत दिए गए, उनका क्या किया बताएं.
तमाम दलों ने इमरान खान के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या कातिल अपने कत्ल को कभी कबूल करता है? क्या कभी पाकिस्तान ने अपनी करतूतों को कबूल किया है? भारत कमज़ोर नहीं है इसका पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देगा.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि इमरान खान आतंकियों के एहसान का बदला चुका रहे हैं. पाक चुनाव के दौरान मसूद अजहर ने इमरान खान के लिए प्रचार किया था. ऐसे में इमरान खान का मसूद अजहर का बचाव करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने पलटवार करते हुए कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा से सबूत रहे हैं. पाकिस्तान के पीएम सेना के हाथों कठपुतली बनकर रह गए हैं. इमरान खान के बयान से साफ है कि पाकिस्तान युद्ध की राह पर चल रहा है.
जेडीयू नेता ने कहा कि पाकिस्तान की सेना जो चाहती है वही पाकिस्तानी सरकार करती है. पाक सैनिकों के मंसूबे भारत विरोधी रहे हैं, कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का काम करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मसूद अजहर जैसा खूंखार आतंकवादी पब्लिक मीटिंग रावलपिंडी में और लाहौर में कर रहा हो. ऐसे में पाकिस्तान पीएम के बयान पर हंसी आ सकती है.
पाकिस्तान द्वारा सबूत मांगने की बात पर केसी त्यागी का कहना है कि 26/11 हमले के समय डॉजियर भारत ने पाकिस्तान को दिया था लेकिन उसका क्या हुआ.
केसी त्यागी का कहना है कि भारत सरकार कई तरीके से काम करती है. एक तो कूटनीतिक तरीके से उसे अलग-थलग करना ही सबसे बड़ी सजा है. उसके लिए हम यूरोपीय, अमेरिका और साउथ एशिया के सभी देशों के संपर्क में हैं. पाकिस्तान का बयान वही घिसा पिटा है.