बेल्जियम स्थित अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (आईआईएएस) के 100 साल के इतिहास में पहली बार भारत इसकी अध्यक्षता करेगा। भारत ने आईआईएएस की अध्यक्षता हासिल करने में जीत दर्ज की है।
आईआईएएस एक वैश्विक गैर लाभकारी संगठन
आईआईएएस एक वैश्विक गैर लाभकारी संगठन है, जो 31 सदस्य देशों, 20 राष्ट्रीय अनुभागों और 15 शैक्षिक अनुसंधान केंद्रों का एक संघ है। यह लोक प्रशासन पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संयुक्त रूप से सहयोग करता है।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने 1998 से आईआईएएस के सदस्य देश के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। आईआईएएस के 2025-2028 के अध्यक्ष पद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2024 में सचिव डीएआरपीजी वी श्रीनिवास के रूप में भारतीय उम्मीदवारी को नामित किया था।
नई दिल्ली में हुई आईआईएएस अध्यक्ष पद के लिए सुनवाई
आईआईएएस अध्यक्ष पद के लिए सुनवाई फरवरी 2025 में नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में हुई थी। भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया और बहरीन ने 2025-2028 की अवधि के लिए आईआईएएस अध्यक्ष पद के लिए अपने नामांकन पत्र प्रस्तुत किए थे।
आईआईएएस के 2025-2028 के अध्यक्ष पद के लिए, माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी ने नवंबर 2024 में सचिव डीएआरपीजी श्री वी. श्रीनिवास की भारतीय उम्मीदवारी को नामित किया। आईआईएएस अध्यक्ष पद के लिए सुनवाई फरवरी 2025 में हुई – भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया और बहरीन ने आईआईएएस की प्रशासन परिषद के समक्ष सुनवाई में भाग लिया।
सुनवाई के बाद, भारत, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया की उम्मीदवारी को अगले दौर के लिए आईआईएएस की आम सभा में भेज दिया गया। मई 2025 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत के पक्ष में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली।
3 जून, 2025 को भारत और ऑस्ट्रिया के बीच चुनाव हुआ
3 जून, 2025 को भारत और ऑस्ट्रिया के बीच चुनाव हुआ, जिसमें 141 वोट पड़े, जिनमें से भारत ने 87 वोट (61.7 प्रतिशत वोट) प्राप्त किए, और ऑस्ट्रिया ने 54 वोट प्राप्त किए(38.3.7 प्रतिशत वोट)
भारत 1998 से, अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान का सदस्य देश
भारत, प्रशासनिक सुधार विभाग के माध्यम से, 1998 से, अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान का सदस्य देश है। अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान, 31 सदस्य देशों, 20 नेशनल सेक्शंस और 15 शैक्षणिक अनुसंधान केंद्रों का एक संघ है जो लोक प्रशासन पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संयुक्त रूप से सहयोग करता है। इसके प्रमुख सदस्य देश हैं – भारत, जापान, चीन, जर्मनी, इटली, कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, मैक्सिको, स्पेन, कतर, मोरक्को, इंडोनेशिया आदि।