वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 5वीं सालाना बैठक में भाग लिया. निर्मला ने इस कार्यक्रम में कोरोना संकट के बीच उठाए गए कदमों का जिक्र किया.
हर साल होने वाली बैठक में बैंक के भविष्य को प्रभावित करने वाले अहम फैसले लेने के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स आपस में विचार करते हैं. बैठक में होने वाले विचार-विमर्श में एआईआईबी के अध्यक्ष के चुनाव सहित कई आधिकारिक कार्य और ‘एआईआईबी 2030- एशिया के विकास में सहायक अगला एक दशक’ विषयवस्तु पर होने वाली राउंडटेबल जैसे मुद्दे शामिल थे.
निर्मला सीतारमण को राउंडटेबल विचार-विमर्श के लिए मुख्य वक्ता के रूप में चुना गया. इस कार्यक्रम में सीतारमण ने कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए भारत सहित अपने सदस्य देशों को लगभग 10 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने की दिशा में एआईआईबी के प्रयासों की सराहना की.
सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सार्क देशों के लिए कोविड-19 आपात कोष बनाने की पहल और कोविड-19 से पार पाने में प्रमुख मेडिकल हेल्थ किट्स की आपूर्ति की दिशा में भारत के प्रयासों का उल्लेख किया. भारत अब कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के वैश्विक प्रयासों में भी सहयोग कर रहा है. इसके अलावा वित्त मंत्री ने ‘जी-20 डेट सर्विस सस्पेंशन इनीशिएटिव’ में भारत की भागीदारी पर प्रकाश डाला.
सीतारमण ने कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए 23 अरब डॉलर की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) और 295 अरब डॉलर का आत्मनिर्भर भारत पैकेज सहित भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टरों और तबकों को सुरक्षा देना है.
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को लचीला किया, जिसमें विशेष रूप से रिजर्व की आवश्यकताओं में कमी और अर्थव्यवस्था में जीडीपी की तुलना में लगभग 3.9 प्रतिशत तक तरलता की पेशकश की. वित्त मंत्री ने मजबूत विकास के लिए एआईआईबी प्रबंधन की सराहना की, जिसे बैंक ने सिर्फ पांच साल की अवधि में हासिल किया है और उन्होंने बैंक को भविष्य के प्रयासों में सफलता के लिए शुभकामना दी.
वित्त मंत्री ने कहा कि आधारभूत ढांचे के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए भारत ने 1.4 ट्रिलियन डॉलर के अनुमानित व्यय वाली राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) की पेशकश की, जिसमें एआईआईबी के साथ भागीदारी में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे.